काठमांडू: इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में नेपाल के मारे गए छात्रों के 4 शव रविवार काठमांडू लाए गए. नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद, नेपाल में इजरायल के राजदूत हनान गोडर और अन्य अधिकारी भी इसके साथ पहुंचे. नारायण प्रसाद न्यूपाने, लोकेंद्र सिंह धामी, दीपेश राज बिस्ता और आशीष चौधरी के शव रविवार को काठमांडू लाए गए.
हनान गोडर ने न्यूज एजेंसी से कहा कि इजराइल में 1400 शव हैं. उनमें से सभी की पहचान नहीं की गई, नेपालियों के सभी शवों की पहचान नहीं की गई. शवों की पहचान प्रक्रिया जारी है. उन्होंने नेपाल के एक छात्र बिपिन जोशी के बारे में बात की. कहा कि बिपिन जोशी हमला शुरू करने के बाद से लापता था.
आज चार शव आए और पांचवां एक-दो दिन में आएगा. हमारे पास अभी भी पहचान के लिए पांच शव हैं और हम देखभाल करेंगे और यह हमारी जिम्मेदारी है, वे हमारे परिवार हैं.हनान गोडर ने इजरायली राजदूत परिवार को सांत्वना देने के साथ-साथ रिश्तेदारों को शव सौंपने के लिए सुदूर-पश्चिमी नेपाल के प्रांतीय मुख्यालय धनगढ़ी के लिए उड़ान भरेंगे.
हनान गोदर ने लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हमास ने शिशुओं सहित नागरिकों की हत्या की. लोगों पर अत्याचार किया.
उन्होंने कहा, ‘हमने अभी इजराइल से वापस लाए गए मारे गए नेपाली छात्रों के शवों को परिवार को सौपेंगे. इन बहादुर छात्रों की दो सप्ताह पहले हमास के आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. उन आतंकवादियों ने इजराइल पर हमला किया, हमारे गांव पर हमला किया और इन छात्रों की हत्या की.
7 अक्टूबर को हमास के हमले में कुल 10 नेपाली छात्र मारे गए. वे इजराइल की सीमा के पास एक खेत में काम कर रहे थे. नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने पहले सोशल मीडिया पर साझा की गई एक पोस्ट में कहा था कि लगभग 4,500 नेपाली नागरिक इजराइल में देखभाल करने वालों के रूप में सेवा कर रहे हैं और इसके अलावा, 265 नेपाली छात्र इजराइली सरकार द्वारा प्रायोजित इजराइली सीखने और कमाई कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं.