देशबड़ी खबर

चीन-पाकिस्तान की खैर नहीं! पंजाब सेक्टर में तैनात हुआ S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, जानें किन खूबियों से तबाह करेगा दुश्मन के हथियार

देश की वायु रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा देने के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) पंजाब सेक्टर में S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का पहला स्क्वाड्रन तैनात कर रही है. सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, पहला स्क्वाड्रन पंजाब सेक्टर में तैनात किया जा रहा है. पहले स्क्वाड्रन की बैटरी पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) दोनों की ओर से पैदा किए जाने वाले हवाई खतरों से निपटने में सक्षम होगी. उन्होंने कहा कि रूसी मिसाइल सिस्टम के हिस्से इस महीने की शुरुआत में भारत पहुंचने लगे थे और अगले कुछ हफ्तों में इस इकाई के चालू होने की उम्मीद है.

S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए भारत ने रूस (Russia) से लगभग 35,000 करोड़ रुपये का सौदे किया था. इसके तहत 400 किमी तक के हवाई खतरों से निपटने के लिए भारत को पांच स्क्वाड्रन प्रदान किए जाएंगे. इस साल के अंत तक पहली स्क्वाड्रन डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि उपकरण को समुद्री और हवाई दोनों मार्गों से भारत लाया जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि पहले स्क्वाड्रन की तैनाती के बाद वायुसेना (Indian Air Force) देश के भीतर कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ पूर्वी सीमाओं पर ध्यान देना शुरू कर देगी.

भारत ने सौदेबाजी कर कम की एक अरब डॉलर कीमत

भारतीय वायुसेना के अधिकारियों और कर्मियों ने इस S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम पर रूस में प्रशिक्षण लिया है. एयर डिफेंस सिस्टम भारत को दक्षिण एशिया में बढ़त देगा क्योंकि वे 400 किमी की दूरी से दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को ढेर करने के काबिल होंगे. S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है, जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और AWACS विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 120 किमी और कम दूरी की 40 किमी पर ढेर कर सकती है. सूत्रों ने कहा कि कठिन सौदेबाजी और बातचीत की वजह से भारत S-400 की कीमत लगभग एक अरब डॉलर कम करने में कामयाब रहा.

क्या हैं S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खूबियां?

रूस द्वारा निर्यात के लिए बनाया गया एस-400 सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है. ये 400 किमी तक की सीमा के भीतर आने वाले दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोन को भी तबाह करने में सक्षम है. इसकी ट्रैकिंग क्षमता करीब 600 किलोमीटर है. ये बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic missiles) और हाइपरसोनिक टारगेट (Hypersonic targets) को भी मार गिराने में सक्षम हैं.

अपने पूर्ववर्ती एस-300 की तुलना में एस -400 में फायरिंग रेट 2.5 गुना तेज है. हर एक एस-400 बैटरी में लंबी दूरी की रडार, एक कमांड पोस्ट वाहन, टारगेट एक्यूजिशन रडार और दो बटालियन लॉन्चर हैं. प्रत्येक लांचर में चार ट्यूब होते हैं. लंबी दूरी का रडार एक दर्जन से अधिक टारगेट को तबाह करने में सक्षम होने के साथ-साथ एक साथ 100 से अधिक उड़ने वाली वस्तुओं को ट्रैक कर सकता है.

Related Articles

Back to top button