‘कोर्ट परिसरों में कब तक लगेंगे बायोमेट्रिक और CCTV ?’ यूपी सरकार को एक हफ्ते में दाखिल करना होगा इलाहाबाद हाई कोर्ट में जवाब
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से राज्य की अदालतों में सुरक्षा को लेकर सवाल पूछा. कोर्ट ने सरकार पूछा कि सुरक्षा, बायोमेट्रिक और सीसीटीवी कैमरे के संबंध में व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने में कितना समय लगेगा. हाई कोर्ट ने अदालतों में व्यवस्थाएं उपलब्ध कराए जाने में लगने वाले समय पर यूपी सरकार से जानकारी मांगी. जस्टिस सुनीत कुमार और जस्टिस समित गोपाल की बेंच ने साल 2019 में बिजनौर की जिला अदालत में हुई गोलीबारी की घटना के बाद दायर इस जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की थी.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि आजमगढ़ और लखनऊ की अदालत में बायोमेट्रिक लगाकर उन्हें कब तक शुरू कर दिया जाएगा. सरकारी वकील को एक हफ्ते के भीतर जवाब कोर्ट में दाखिल करना होगा. पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल कर हर जिला अदालत में तैनात सुरक्षा कर्मी और सुरक्षाकर्मी के वास्तविक मंजूर पद के बारे में बताने को कहा था.
‘कोर्ट परिसरों में कब तक लगेंगें CCTV कैमरे’
सितंबर 2021 में सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पाया था कि राज्य सरकार ने 20 फरवरी, 2020 से लंबित वित्तीय मंजूरी की वजह से इस मामले में कोई समाधान नहीं किया है. वित्तीय मंजूरी की वजह से निचली अदालतों में वकीलों और वादियों के लिए गेट ऑटोमेशन, बायोमीट्रिक प्रणाली और गेट पास के संबंध में कोई नहीं हुई थी.
2 दिसंबर तक सरकार को देना होगा जवाब
20 दिसंबर, 2019 और दो जनवरी, 2020 के अपने आदेश के जरिए हाई कोर्ट ने सरकार को अदालत परिसरों में पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई दो दिसंबर, 2021 को होगी. उस दौरान राज्य सरकार को बताना होगा कि सुरक्षा, बायोमीट्रिक और सीसीटीवी कैमरे के संबंध में व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने में कितना समय लगेगा.