उत्तर प्रदेशदेवरिया

मजदूर को 11 साल बाद मिला न्याय, मजदूरी के 17 हजार रुपये मांगने पर ठेकेदार ने बेटे संग मिलकर की थी की हत्या, 3 आरोपियों को हुई उम्रकैद

यूपी के देवरिया में काम करने वाले एक मजदूर को 11 साल बाद न्याय (Justice After 11 Year) मिला है. मजदूरी के पैसे मांगने के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. कोर्ट ने इस मामले में बाप-बेटे समेत तीन लोगों को उम्र कैद की सजा (Life Imprisonment) सुनाई है. इसके साथ ही अपर सत्र और जस्टिस शाश्वत पांडेय की कोर्ट ने तीनों आरोपियों पर बीस-बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह घटना 17 मई 2010 की है. मजदूर ने मजदूरी का बकाया 17 हजार रुपये मांगे थे, इसीलिए उसकी हत्या कर दी गई थी.

गोरखपुर का रहने वाला जबीर खान देवरिया के रुद्रपुर के महेशपुर में ईंट भट्टे पर मजदूरी करता था. उसी के मोहल्ले के रहने वाले ठेकेदार कलीम ने उसे मजदूरी के लिए महेशपुर बुलाया था. वह मकान और सड़क ठएके पर बनाता था. पड़ोसी ठेकेदार के बुलाने पर वह काम करने उसके पास चला गया. जब उसने मजदूरी के 17 हजार रुपये बकाया मांगे तो ठेकेदार कलीम ने पैसा देने से इनकार कर दिया. मजदूरी का पैसा जबीर को न देना पड़े इसीलिए ठेकेदार ने उसे जान से मारने की योजना (Labour Murder) बनाई.

मजदूरी मांगने पर मजदूर की हत्या

17 मई 2010 की रात को ठेकेदार अपने बेटे जावेद, राजू और इस्माईल के साथ ईंट भट्टे पर पहुंच गया. वहां पर सभी ने मजदूर जबीर की पीट-पीट कर हत्या कर दी. सभी आरोपियों ने जबीर को मारने के बाद उसने शव को पास में फेंक दिया और वहां से फरार हो गए. मृतक जबीर के बेटे की शिकायत पर बड़हलगंज थाना में केस दर्ज किया गया था. हालांकि यह घटना देवरिया के रुपद्रपुर में हुई थी. लेकिन बाद में ये केस रुद्रपुर कोतवाली में ट्रांसफर हो गया था. इस मामले में जांच चलती रही. कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल किया गया. इसके आधार पर 26 नवंबर यानी कि शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुना दिया.

11 साल बाद आरोपियों को हुई उम्रकैद

असिस्टेंट सरकारी वकील श्रीधर तिवारी के मुताबिक कोर्ट ने जबीर की हत्या के मामले में ठेकेदार कलीम और उसके बेटे जावेद और राजू को हत्या का दोषी पाया. कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही सभी को 20-20 हजरा रुपये जुर्माने के तौर पर भी भरने होंगे. इस तरह के 11 साल पहले की गई हत्या के मामले में आरोपियों को अब सजा सुना दी गई है. 11 साल बाद मजदूर जबीर के परिवार को न्याय मिल गया है. पीड़ित की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई थी क्यों कि उनसे अपना मेहनताना ठेकेदार से मांग लिया था. पैसा न देने के लिए ठेकेदार ने मजदूर को रास्ते से ही हटा दिया. उसकी पीट-पीट कर बेरहमी से हत्या कर दी.

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