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वायुसेना के 4 जवानों के पार्थिव शरीर की हुई पहचान, आज परिजनों को सौंपे जाएंगे शव

तमिलनाडु के कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले भारतीय वायुसेना के सभी 4 जवानों की पहचान कर ली गई है. जबकि बाकी बचे शवों की पहचान करने की प्रक्रिया अभी भी जारी है. 8 दिसंबर को हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में CDS के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर भी शामिल थे, जिनका शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

हेलिकॉप्टर हादसे में मारे गए 13 मृतकों में से 3 शवों की पहचान पहले ही कर ली गई थी. इनमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर शामिल थे. दिल्ली के बरार स्क्वायर श्मशान घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ इन सभी का अंतिम संस्कार किया गया. सेना ने बताया कि लांस नायक बी साई तेजा और लांस नायक विवेक कुमार के पार्थिव शरीर की पहचान कर ली गई. उन्होंने जानकारी दी कि आज सुबह उनके परिजनों को पार्थिव शरीर सौंप दिया जाएगा.

हवाई मार्ग से ले जाए जाएंगे सभी जवानों के पार्थिव शरीर

सेना ने बताया कि सैन्यकर्मियों के पार्थिव शरीर को हवाई मार्ग से ले जाया जाएगा और उनका अंतिम संस्कार उचित सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा. सेना के मुताबिक, शवों को ले जाने से पहले दिल्ली कैंट के आर्मी बेस अस्पताल में पार्थिव शरीर का माल्यार्पण किया जाएगा. एक आधिकारिक बयान में भारतीय वायु सेना (IAF) ने पुष्टि की कि दुर्घटना में मारे गए चार सभी कर्मियों की पहचान कर ली गई है. उन्हें जल्द ही हवाई मार्ग से उनके संबंधित परिवार के सदस्यों के पास ले जाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन चार जवानों में- जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए, विंग कमांडर पी.एस.चौहान, जेडब्ल्यूओ राणा प्रताप दास और स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह शामिल हैं.

शवों की पहचान करने के लिए दिल्ली पहुंचे परिजन

सेना ने आगे कहा कि शेष शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है. 10 जवानों के पार्थिव शरीर को दिल्ली छावनी के आर्मी बेस अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है. उन्होंने कहा कि सभी 10 कर्मियों के परिवार के सदस्य शवों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं. अधिकारियों ने कहा कि शवों की पहचान के लिए परिवार के सदस्यों की मदद के साथ ही वैज्ञानिक उपाय भी किए जा रहे हैं. सेना ने कहा कि पार्थिव शरीर की ‘सही पहचान’ होने के बाद उन्हें परिवारों को सौंप दिया जाएगा.

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