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पत्नी से संबंध न बना पाने पर बालिका से रेप कर की हत्या, दोषी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

श्रावस्ती: जिले में 12 साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या के मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश करुणा सिंह ने मंगलवार को अभियुक्त शील कुमार को दोष सिद्ध ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई. साथ ही 400000 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया. जून 2023 में बालिका को घर से बुलाकर आरोपी ने घटना को अंजाम दिया था.

अभियोजन पक्ष की पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सत्येंद्र बहादुर सिंह के अनुसार, घटना 3 जून 2023 की है. गिलौला थाना क्षेत्र के एक शख्स ने पुलिस को सूचना दी कि उसकी 12 वर्षीय नाबालिग पुत्री को गांव का ही शील कुमार पाठक बुलाकर लेकर गया था. वह अब तक वह लौटकर नहीं आई है.

अधिवक्ता ने बताया कि गांव में उसको बहुत ढूंढा. लेकिन वह नहीं मिली. इसी बीच अभियुक्त शील कुमार पाठक मां और पत्नी को सुबह पचदेवरा मंदिर लेकर गया था. वे दोनों गांव के बाहर मिलीं और बताया कि शील कुमार ने अभी उनको लाकर छोड़ा है. इसके बाद कहीं चला गया.

शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि मृतका के पिता ने जब शील कुमार के फोन पर संपर्क करना चाहा तो उसका फोन स्विच ऑफ था. दूसरे दिन मुखबिरों के बताने पर थाना गिलौला की पुलिस अभियुक्त शील कुमार को बहराइच बलरामपुर मार्ग पर ग्राम परेवपूर के पास से गिरफ्तार किया.

अधिवक्ता ने बताया कि अभियुक्त से जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसकी पत्नी आठ माह की गर्भवती थी. इस वजह से शारीरिक संबंध उससे स्थापित नहीं हो पा रहा था. उसने बताया कि बालिका घर आती-जाती थी. घटना के पूर्व उसने बालिका को कई बार छेड़ा था. उसने विरोध नहीं किया था. इसलिए, उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए घर खाली किया.

अभियुक्त ने बताया कि घटना वाले दिन सुबह उसके पिता पैसों के लिए दूसरे गांव गए हुए थे. इसके बाद पत्नी, बच्चों और मां को पचदेवरा मंदिर छोड़ आया था. बालिका के साथ दुष्कर्म किया तो उसने सबको बता देने की बात कही.

इसलिए, उसका मुंह व नाक दबाकर उसकी हत्या कर दी. शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि अभियुक्त की निशानदेही पर बालिका का शव मिर्चिहा नहर के किनारे झाड़ी से बरामद किया गया. मामले का विचारण अपर जिला सत्र न्यायाधीश (क्राइम अगेंस्ट वूमेन) की अदालत पर हुआ.

अभियोजन पक्ष की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सत्येंद्र बहादुर सिंह व विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) रोहित गुप्ता ने की. जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि अभियोजन की तरफ से कुल 16 साक्षी पेश किए गए थे.

अभियुक्त के विरुद्ध अभियुक्त की मां व पत्नी ने भी अभियोजन साक्षी के रूप में सच बताया था. घटना के समय बालिका की उम्र 12 वर्ष 26 दिन थी. घटनास्थल और शव छिपाने वाली जगह से श्रावस्ती पुलिस की फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य संकलित किए थे. विधि विज्ञान प्रयोगशाला से सभी रिपोर्ट प्रस्तुत की.

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