उत्तर प्रदेशलखनऊ

बच्चों को डॉक्टर बनाना हुआ महंगा, MBBS की एक साल की फीस में 1 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी

उत्तर प्रदेश में अब मेडिकल का पढ़ाई महंगी हो गई है. खासकर प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में अब स्टूडेंट्स को पहले से ज्यादा फीस भरनी पड़ेगी. मेडिकल फीस में 40 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की सालाना बढ़ोतरी की गई है. राज्यपाल की रिकमेंडेशन के बाद मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने फीस बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी. इसके लिए आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. बता दें कि प्राइवेट कॉलेज में फीस बढ़ोतरी का फैसला मैनेजमेंट के हाथ में होता है. लेकिन प्राइवेट कॉलेजों की फीस भी सरकार ही तय करती है.

यूपी में 31 मेडिकल कॉलेजों में MBBS की 4159 सीटें हैं, जिनमें 29 कॉलेज प्राइवेट, चार अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज (UP Medical College)  हैं. वहीं 25 प्राइवेट कॉलेजों में MBBS की 3828 सीटें है. बता दें कि मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए 12 सतंबर को नीट की परीक्षा हुई थी. इसका रिजल्ट भी जारी हो चुका है. लेकिन मामले अभी भी कोर्ट में लंबित है, इसी वजह से काउंसलिंग अभी भी अटकी हुई है. शैक्षिक सत्र 2021-22 में एडमिशन के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसी वजह से सरकार ने MBBS में एडमिशन के लिए फीस तय कर दी गई है.

MBBS की फीस में 1 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी

सरकार ने MBBS की सालाना फीस में 40 हजार से 1 लाख रुपये तक बढ़ा दिए हैं. फीस बढ़ाने को लेकर मेडिकल एजुकेशन चीफ सेक्रेट्री, मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टर जनरल, फाइनेंस ऑफिसर की कमेटी बनाई गई थी. फिलहाल कमेटी ने सिर्फ एक साल की फीस तय की है. बहुत से ऐसे परिवार हैं जो अपने बच्चों को डॉक्टर तो बनाना चाहते हैं लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. बच्चों के होशियार होने के बाद भी पैसा ज्यादा भरने की वजह से उनका बच्चों को डॉक्टर बनाने का सपना अधूरा रह सकता है.

डॉक्टर बनने का सपना हुआ महंगा

40 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक की बढ़ोतरी एक बड़ा अमाउंट है, जो हर माता-पिता के लिए भरना आसान नहीं है. सरकार द्वारा मेडिकल फीस में बढ़ोतरी किए जाने का असर बहुत से बच्चों के सपनों पर पड़ सकता है. एक गरीब परिवार एक लाख रुपये तक की बढ़ी हुई फीस आसानी से नहीं भर सकता है. फीस बढ़ोतरी से कई मा-बाप का बच्चों को डॉक्टर बनाने का सपना अधूरा रह सकता है.

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