उत्तर प्रदेशलखनऊ

नए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने संभाला कार्यभार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने गुरुवार को कार्यभार ग्रहण किया। मिश्र ने मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी से कार्यभार लिया। यह एक साल के लिए मुख्य सचिव बने हैं। दुर्गा प्रसाद मिश्र 1984 बैच के आईएसएस अधिकारी हैं। इसके पूर्व वह केन्द्र सरकार में आवास और शहरी मंत्रालय में सचिव तथा दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष पद पर कार्यरत रहे। वह मायावती सरकार में विभिन्न पदों पर यूपी में कार्यरत रह चुके हैं।

केन्द्र सरकार ने यूपी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एक वर्ष का सेवा विस्तार करते हुए दुर्गा शंकर मिश्र को राजेन्द्र कुमार तिवारी की जगह नया चीफ सेक्रेटरी बनाया है। उन्हें इसी महीने 31 दिसम्बर को सेवानिवृत होना था। लेकिन उनकी कार्यकुशलता और साफ छवि होने के कारण सेवा विस्तार दिया गया है। वह आगरा और सोनभद्र जिले के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं।

04 दिसम्बर, 1961 को जन्मे दुर्गा शंकर मिश्र उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के पहाड़ीपुर गांव के निवासी हैं। बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाले दुर्गा शंकर मिश्रा हमेशा आगे बढ़ना ही सीखें, उन्होंने कभी पीछे मुड़कर देखने की कोशिश नहीं की। कक्षा 5 तक गांव के ही प्राथमिक विद्यालय पहाड़ीपुर में शिक्षा लेने के बाद वे कक्षा 6 की पढ़ाई के लिए गांव के समीप गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज मारूफपुर में चले गए। वहां पर वे पढ़ाई करने के साथ, भारत सरकार के आवासीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम में आवेदन किया था और उसमें उनका सलेक्शन हो गया।

फिर क्या था मिश्रा कक्षा 7 से हायर सेकेंडरी तक की पढ़ाई करने के लिए विकास विद्यालय रांची में चले गए। वहां पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने बीएचयू के लिए आईआईटी में आवेदन किया था। जहां उनका सलेक्शन हो गया और वह बीएचयू में पढ़ाई शुरू कर दिए। वहां 1 वर्ष पढ़ाई पूरा हुआ था कि उन्हें कुछ लोगों के द्वारा यह जानकारी हुई की बीएचयू से बेहतर कानपुर आईआईटी है और वे कानपुर आईआईटी में एडमिशन के लिए आवेदन कर बैठे। वहां भी उनका सेलेक्शन हो गया।

मिश्रा को कानपुर से बीटेक की पढ़ाई साढ़े 4 साल में पूरी करते ही उसी वर्ष उनका 3 सलेक्शन हो गया। जिसमें इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज तथा यूपी कैडर का आईएएस मिला और उन्होंने यूपी कैडर के आईएएस को चुना। मिश्र की 1984 में पहली पोस्टिंग चन्दौली जिले के चकिया तहसील के एसडीएम पद पर हुई। इसके बाद अपने कुशल प्रशासनिक अनुभवों से कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर रहें। वर्ष 2010 में मायावती सरकार में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव के पद पर भी रहे हैं। मिश्रा कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन करने में अहम भूमिका निभाएं तथा मेट्रो के संचालन में इनकी कार्य कुशलता के चलते आज कई शहरों में मेट्रो का संचालन हो रहा है।

गौरतलब है कि पहाडीपुर गांव मधुबन तहसील का वह गांव है जो अब तक लगभग एक दर्जन प्रशासनिक अधिकारी विभिन्न पदों पर देश में सेवा दे रहे हैं। दुर्गा शंकर मिश्र के पिता स्व. पंडित मदन मिश्र बलिया में मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में बड़े बाबू थे और उनकी माता स्व. कुमारी देवी गृहणी थी। आपके भाई सत्यकाम मिश्र आयकर विभाग दिल्ली में चीफ कमिश्नर हैं। तथा उनसे छोटे भाई विनय कुमार मिश्र को ऑपरेटिव सोसाइटी कानपुर में रजिस्ट्रार हैं।

इनके चचेरे भाई अवधेश मिश्र चंडीगढ़ में आयकर कमिश्नर हैं। चचेरे भाई दिनेश मिश्र आगरा में जीएसटी में कमिश्नर, चचेरे भाई अविनाश मिश्र बाल मजदूरों के लिए शिक्षा के लिए भदोही में सामाजिक कार्य करते हैं। भतीजा सुधांशु मिश्र सेना में कर्नल है, भतीजा डा. अक्षत मिश्र मुम्बई के जेजे अस्पताल में शैल्य चिकित्सक हैं। वे वर्ष में एक बार अपने गांव एक हफ्ते के लिए जरूर आते हैं।

दुर्गा शंकर मिश्रा के ही प्रयास से मधुबन बेल्थरा मार्ग जो काफी जर्जर हो चुका था बना था। चचेरे भाई अविनाश मिश्रा बताते हैं कि भईया (दुर्गा शंकर मिश्रा) कहते हैं कि हमेशा विद्वानों के बातों को आत्मसात करना चाहिए सही मार्ग पर चलना चाहिए। कभी किसी का अहित नहीं करना चाहिए। वे सदैव असहयों का मदद करते हैं तथा उन्हें हौसला देते हैं।

Related Articles

Back to top button