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जम्मू-कश्मीर: शुरू हुई हैदरपोरा एनकाउंटर की जांच, कब्र खोदकर निकाले गए शव, परिवार को सौंपे जाएंगे

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां हैदरपोरा में हुई मुठभेड़ में आम नागरिकों की मौत के मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है, जिसके बाद जांच अधिकारी खुर्शीद अहमद शाह ने कार्यवाही शुरू की. इसके साथ ही उन्होंने घटना के बारे में जनता से जानकारी मांगी है. इसके साथ ही श्रीनगर प्रशासन ने एनकाउंटर में मारे गए नागरिक मोहम्मद अल्ताफ भट और मुद्दसिर गुल के शवों को गुरुवार को कब्र से खोदकर बाहर निकाल लिया है, जिससे ये उनके परिवार को सौंपे जा सकें.

श्रीनगर के मेयर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गुरुवार की देर रात श्रीनगर में सोमवार की मुठभेड़ में मारे गए दो नागरिकों के शव निकाल लिए हैं. शव उनके परिवारों को सौंपने के लिए प्रशासन तैयार है. अल्ताफ भट और मुद्दसिर गुल का परिवार लगातार शवों को दिए जाने की मांग कर रहा है, जिससे उनका अंतिम संस्कार अपने मुताबिक किया जा सके. जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन ने श्रीनगर के एडीएम को इस एनकाउंटर की जांच करने के आदेश दिए हैं.

जांच अधिकारी ने जारी किया सार्वजनिक नोटिस

जांच अधिकारी अहमद शाह ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया, जिसमें उन लोगों से आग्रह किया गया जो सोमवार की मुठभेड़ के संबंध में अपना बयान दर्ज करना चाहते हैं. वे 10 दिनों के अंदर उनके कार्यालय से संपर्क सकते हैं. इस मुठभेड़ में चार लोगों की मौत हो गई थी. शाह को श्रीनगर के जिलाधिकारी मोहम्मद एजाज असद ने जांच अधिकारी नामित किया है. जिलाधिकारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, “श्रीनगर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट खुर्शीद अहमद शाह को मामले की तहकीकात करने के लिए जांच अधिकारी नामित किया गया है ताकि घटना से संबंधित तथ्यों और परिस्थितियों और मौत के कारणों का पता लगाया जा सके.”

उपराज्यपाल ने दिए जांच के आदेश

इससे पहले उपराज्यपाल सिन्हा ने हैदरपोरा मुठभेड़ की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे. सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘हैदरपोरा मुठभेड़ मामले में एडीएम पद के अधिकारी द्वारा मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं. जैसे ही समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट सौंपी जाएगी तो सरकार उचित कार्रवाई करेगी. जम्मू कश्मीर प्रशासन निर्दोष नागरिकों की जान की रक्षा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है और वह सुनिश्चित करेगा कि कोई अन्याय न हो.’’

परिवार कर रहा है ये दावा

सोमवार को मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से तीन के परिवार के सदस्यों द्वारा प्रदर्शनों के बीच मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं. उनका दावा है कि मृतक बेगुनाह थे.मृतकों को लेकर परस्पर विरोधी दावों के बाद हैदरपोरा में सोमवार को हुई मुठभेड़ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. परिवार ने पुलिस के इस आरोप का खंडन किया है कि वे ‘आतंकवादियों के सहयोगी’ थे. पुलिस के मुताबिक, हैदरपोरा की एक इमारत में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसका स्थानीय साथी आमिर माग्रे तथा दो आम नागरिक मोहम्मद अल्ताफ भट व मुदस्सिर गुल सोमवार को हुई मुठभेड़ में मारे गए.

क्या है आरोप

आरोप है कि इस इमारत में अवैध कॉल सेंटर चलाया जा रहा था और यह आतंकवादियों के छुपने का ठिकाना था. भट (इमारत मालिक), गुल (किरायेदार) और माग्रे (गुल का ऑफिस बॉय) के परिवार के सदस्य और रिश्तेदार उनके मारे जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि यह ‘हत्या” है. वे शवों की दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं ताकि उनकी तदफीन (दफन) की जा सके. भट के परिवार ने प्रशासन द्वारा जांच के आदेश का स्वागत किया लेकिन सिन्हा से उनका शव सौंपने की अपील की ताकि उनके बच्चे उन्हें आखिरी बार देख सकें.

(भाषा के इनपुट के साथ)

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