उत्तर प्रदेशलखनऊ

लखनपुरी की गोमा जी में भक्तों ने मारी डुबकी, किया दान पुण्य

लखनऊ। लखनपुरी में कार्तिक पूर्णिमा पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गोमा जी में डुबकी मारी और दान-पुण्य किया। हिन्दी महीने के कैलेण्डर के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर स्नान पर्व मनाया जाता है। इसी के साथ ही कार्तिक स्नान पूर्ण हो जाता है। यहां के लल्लूमल घाट, कुड़िया घाट पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान-दान कर पर्व मनाया। भक्तों ने माता तुलसी की पूजा भी की। गोमती के किनारे मेला भी लगा।

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा बड़ी पुनीत तिथि मानी जाती है। इस तिथि में मां गंगा के तट पर बसे काशी, प्रयागराज आदि शहरों में बड़े उत्सव के रूप के इस पर्व को मनाया जाता है। वहां दूर-दूर शहरों से हजारों-लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। गंगा के तट पर मेला भी लगता है।

हालांकि जहां पवित्र नदियां होती हैं, भक्त लोग वहां भी स्नान करते हैं। लखनपुरी के गोमती नदी में भी स्नान हुआ। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भोर से ही नदी पर पहुंचने लगे थे। महिलाओं-पुरूषों ने स्नान किया। दान-पुण्य भी किया। यहां के डालीगंज पक्का पुल स्थित लल्लूमल घाट और चौक के कुड़िया घाट पर भक्तों ने स्नान किया। स्नान करने के बाद भक्तों ने तुलसी माता की पूजा भी की।

लल्लूमल घाट पर पंडे बैठे हुए थे। लोग स्नान कर पंडों के पास तिलक भी लगवा रहे थे। लोगों ने दक्षिणा भी दीं। घाट पर बैठे पंडा शिवेंद्र ने बताया कि यहां सुबह से ही स्नान शुरू हो गया था। काफी स्नानार्थी यहां आए। उन्होंने बताया कि पहले यहां हजारों भक्त स्नान के लिए आते थे। लेकिन अब भीड़ कम हो गई है।

लल्लूमल घाट पर अपने परिवार के साथ स्नान करने आए एक श्रद्धालु ने बताया कि यहां कुछ अव्यवस्थाएं भी हैं। बल्ली लगाकर बेरीकेडिंग करके पुरूषों और महिलाओं के स्नान के लिए अलग-अलग व्यवस्था नहीं की गई है। महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए भी टेंट लगाकर कहीं कवर नहीं किया गया है। सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं दिख रहे हैं। महिला पुलिस भी कहीं नहीं है, जबकि श्रद्धालु भोर अंधेरे से ही यहां स्नान के लिए आने लगे थे। उधर घाट के बाहर थोड़े क्षेत्र में मेला लगा हुआ था। वहां खील-लईया बेचने वाले बैठे हुए थे। मुख्य मेला गोमती नदी के दूसरे किनारे पर स्थित झूलेलाल वाटिका में लग रहा था। यहां दुकानदारों का सामान रखा हुआ था। मेला शाम तक लगेगा।

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