उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगर

पीएम मोदी 25 नवंबर को रखेंगे जेवर एयरपोर्ट की आधारशिला, सीएम योगी ने किया निरीक्षण, कहा- 2024 में यूपी में हो जाएंगे 5 एयरपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे. इस एयरपोर्ट के तैयार हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य हो जाएगा जहां पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होंगे. पीएम के कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 2024 में शुरु हो जाएगा. यह यूपी का 5 वां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा. 34,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से विकसित होने के कारण यह हवाई अड्डा 1 लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा.”

नेट जीरो उत्सर्जन एयरोपर्ट होगा

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में मंगलवार को बताया गया कि यह देश का पहला निवल शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो एमिशन) विमानतल होगा. बयान में बताया गया है, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में 25 नवंबर को दोपहर एक बजे नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल की आधारशिला रखेंगे. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय विमानतल वाला एकमात्र राज्य बनने की दिशा में अग्रसर हो जाएगा.’’

पीएमओ ने कहा कि इस विमानतल का विकास विमानन क्षेत्र को भविष्य की जरूरतों के अनुकूल तैयार करने और संपर्क को मजबूत बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है. बयान में पीएमओ ने कहा, ‘‘उनके इस दृष्टिकोण के तहत उत्तर प्रदेश पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां पिछले दिनों नए कुशीनगर विमानतल का उद्घाटन किया गया और अयोध्या में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय विमानतल सहित अन्य विमानतल बनाए जा रहे हैं.’’

NCR का दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा जेवर

नोएडा में बन रहा विमानतल, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दूसरा अंतरराष्ट्रीय विमानतल होगा और इससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर यात्रियों का दबाव कम होगा. रणनीतिक नजरिये से नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल का अलग महत्व होगा और इससे दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अलावा अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और पड़ोसी क्षेत्र के लोगों की जरूरतें पूरी होंगी.

पीएमओ ने कहा कि यह विमानतल उत्तरी भारत के लिये ‘‘लॉजिस्टिक्स का द्वार’’ बनेगा. अपने विस्तृत पैमाने और क्षमता के कारण, यह विमानतल उत्तर प्रदेश के परिदृश्य को भी बदल देगा और दुनिया के सामने प्रदेश की क्षमता को उजागर करेगा तथा राज्य को वैश्विक लॉजिस्टिक मानचित्र में स्थापित होने में मदद करेगा.

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