उत्तर प्रदेशकानपुर

पुलिस की बर्बरताः लखनऊ तक पहुंची स्वास्थ्य कर्मियों की चीखें, एडीजी जोन ने लिया संज्ञान

कानपुर देहातः जिले में दारोगा द्वारा बच्ची को गोद में लिए हुये व्यक्ति और स्वास्थ्य कमर्चारी रजनीश शुक्ला को पीटने के मामले में अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर जोन भानु भास्कर ने दारोगा को सस्पेंड कर दिया है. बर्बर पिटाई का वीडियो वायरल होने पर सरकार और पुलिस की छवि धूमिल होने और शासन की फटकार के बाद दारोगा को निलंबित करने और विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है.

कानपुर देहात के कप्तान ने लाइन हाजिर कर मामले को दबाने की कोशिश की थी, लेकिन मामला जब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ तो सरकार और पुलिस की छवि धूमिल होने के बाद यह निलंबित करने की कार्रवाई शासन के निर्देश पर की गई. शासन ने फजीहत के बाद फटकार लगाई गई और उसके बाद एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर ने इंस्पेक्टर विनोद कुमार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं और विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

एडीजी भानु भास्कर ने फोन पर बताया कि इस पूरे मामले में सख्ती से कार्रवाई कराई जा रही है. संबंधित इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है और सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस की छवि इस घटना से धूमिल हुई है.

दरअसल, कानपुर देहात के जिला अस्पताल में अपनी मांगों को लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी यूनियन के लोग धरने पर बैठे हुए थे. अपनी मांगों को लेकर लगातार स्वास्थ्य अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे. लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की बात मानें तो आला अधिकारियों के द्वारा उनकी किसी भी मांग को माना नहीं जा रहा था. जिसको लेकर जिला अस्पताल परिसर के बाहर यह लोग अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे. इससे करीब 1 घंटे तक ओपीडी कार्य बाधित रहा और मरीजों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल (Video Viral) है. इसके चलते अकबरपुर पुलिस की काफी आलोचना हो रही है. वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस की गाड़ी खड़ी है और उसी के पास खड़े एक शख्स की पिटाई हो रही है. लोकल पुलिस थाने का इंस्पेक्टर शख्स को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से मार रहा है. वह शख्स गोद में अपने बच्चे को लिए हुए है.

पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल

पुलिस की बर्बरता पुलिस की कार्यशैली और सूझबूझ पर तमाम सवाल खड़े कर रही हैं. इस मामले में जब विभाग की सीएमएस से बात की तो उन्होंने साफ तौर से कह दिया कि उन्हें इस मारपीट की कोई भी जानकारी नहीं है और वह मौके पर मौजूद नहीं थीं. इस पूरे घटनाक्रम में अकबरपुर तहसील के एसडीएम भी मौजूद रहे, लेकिन पुलिस की बर्बरता के आगे वह भी कुछ नहीं कर सके. पुलिस लगातार लाठियों पर लाठियां बरसा रही थी और लोग मूकदर्शक बने तमाशा देख रहे थे. प्रशासनिक अधिकारियों की बात की जाए तो अधिकारी धरने पर बैठे चतुर श्रेणी कर्मचारी रजनी शुक्ला को कई तरह से दोषी भी मान रहे हैं, जिसको लेकर उन्होंने कार्रवाई करने की बात भी स्वीकार की है.

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