उत्तर प्रदेशलखनऊ

सभी सुरक्षित सीटों पर चुनेंगे आरक्षण समर्थक जनप्रतिनिधि : संघर्ष समिति

लखनऊ। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों और आईआईटी में 47.70 प्रतिशत से ज्यादा रिक्त पदों पर भर्ती न किये जाने का आंकड़ा पेश करते हुये कहा है कि प्रदेश के आठ लाख आरक्षण समर्थक कर्मचारी तथा व दो लाख शिक्षक इस विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 86 सुरक्षित सीटों पर हर हाल में आरक्षण समर्थक जनप्रतिनिधि चुनेंगे। जिससे सभी सरकारी विभागों में उनकी स्थित संवैधानिक वयवस्था के अनरूप बनी रहे।

संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश वर्मा ने शुक्रवार को बताया कि देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी-एसटी के 3426 स्वीकृत पदों पर केवल 1821 पर तैनाती है, जबकि 1605 पद रिक्त हैं। इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय में एससी-एसटी के 176 स्वीकृत पदों पर केवल 93 पर तैनाती है, जबकि 80 पद रिक्त हैं। आईआईटी में एससी-एसटी के 146 स्वीकृत पदों पर केवल 44 पर तैनाती है, जबकि 102 पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह देश के केंद्रीय शैक्षणिक संस्थाओं तथा आइआईआईटी आज तक आरक्षण का कोटा नहीं पूरा किया गया तो राज्यों के विभागों की स्थिति क्या होगी? उन्होंने कहा कि यह आंकडे़ बीते माह लोकसभा के पटल पर रखे गए थे जहां पर देश की सभी राजनीतिक दलों के सांसद मौजूद थे।

वर्मा ने सवाल उठाया कि जब देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों की इस स्थिति पर राजनीतिक दलों की चुप्पी क्या बाबा साहब द्वारा बनाई गई आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत नहीं है? उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी आठ लाख आरक्षण समर्थक कार्मिक व दो लाख शिक्षक इस विधानसभा चुनाव में 86 सुरक्षित सीटों पर आरक्षण समर्थक जनप्रतिनिधि चुनने का काम करेंगे जिससे सभी सरकारी विभागों में उनकी स्थिति संवैधानिक वयवस्था के अनुरूप बनी रहे।

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