राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज शनिवार को कहा कि मीडिया आरएसएस को सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश करता है, लेकिन सच्चाई से आगे कुछ भी नहीं हो सकता है. भागवत इस समय हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर हैं और उनके तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मिलने की संभावना है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह भी कहा कि हालांकि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से कोरोना महामारी के बाद के युग में विश्व गुरु बनने की क्षमता है.
सरकार हमारे सेवकों को आश्वासन नहीं देतीः भागवत
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, “मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में संदर्भित करता है, लेकिन यह असत्य है. हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं.” उन्होंने कहा कि सरकार हमारे स्वयं सेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है. लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है. उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है.
चिकित्सा में प्राचीन भारतीय प्रथाओं पर प्रकाश डालते हुए, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “हमने देखा कि काढ़ा, क्वाथ (हर्बल फॉर्मूलेशन) और हाइजिन जो हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार में शामिल थे. अब, दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है. हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है.” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख ने हाल ही में तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा तथा उन्हें श्रद्धांजलि दी.
हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर भागवत
एकता का आह्वान करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाइयां हार गईं क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी. उन्होंने समाज सुधारक बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि हम कभी किसी की ताकत से नहीं बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं. सूत्रों ने कहा कि मोहन भागवत हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर हैं और उनके तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मिलने की संभावना है.