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संजय राउत बोले- कांग्रेस को फिर से मजबूत करना राहुल-प्रियंका के सामने बड़ी चुनौती

शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के सामने अपनी पार्टी को फिर से मजबूत करने की बड़ी चुनौती है. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राउत ने कहा कि गांधी भाई-बहनों को लोकमान्य तिलक से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने कांग्रेस को राजनीतिक क्रांति के हथियार में बदल दिया था.

शिवसेना महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सत्ता साझा करती है.‘सामना’के कार्यकारी संपादक राउत ने पिछले हफ्ते नयी दिल्ली में कांग्रेस के दोनों नेताओं से मुलाकात की. राउत ने कहा कि बैठक के दौरान, राहुल गांधी ने उनसे कहा कि कांग्रेस में नेता बनने और बनाने की व्यवस्था बंद हो गई है और कांग्रेस ने कभी भी वरिष्ठ नेताओं का अपमान नहीं किया.

राउत ने गांधी के हवाले से कहा कि उन्होंने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से राज्यसभा सदस्यता अवधि समाप्त होने के बाद कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई की कमान संभालने का अनुरोध किया था, लेकिन आजाद ने इनकार कर दिया.

कांग्रेस नहीं है मजबूत

राउत ने राहुल गांधी को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘वह (आजाद) चुनाव के बाद फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं. लेकिन, उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वहां (जम्मू कश्मीर) कांग्रेस मजबूत नहीं है. आजाद जी वहां के मुख्यमंत्री रहे हैं और उन्हें लगता है कि कांग्रेस का वहां अस्तित्व नहीं है.’’

शिवसेना नेता ने आगे उल्लेख किया कि जब उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि कश्मीर में आजाद जनसभा कर रहे हैं तो गांधी ने कहा, ‘‘हां…इसके अलग कारण हो सकते हैं.’’ राउत के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल ने कहा कि पार्टी ने अपने बड़े नेताओं को बहुत कुछ दिया है लेकिन जब पार्टी को उनकी जरूरत होती है तो वे अलग स्टैंड ले रहे होते हैं. राउत ने राहुल गांधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं क्या कर सकता हूं?’’

राहुल-प्रियंका की कार्यशैली अलग

शिवसेना के नेता ने अपने स्तंभ में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अलग-अलग व्यक्तित्व के रूप में वर्णित किया, जिनकी कार्यशैली भी बहुत अलग है, लेकिन कहा कि उनके बीच एकमत है. राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘दोनों के सामने कांग्रेस को फिर से मजबूत करने की बड़ी चुनौती है.’’

राउत ने कहा, ‘‘यदि आप किसी भी राजनीतिक चर्चा में उनसे (प्रियंका गांधी) त्वरित रुख की उम्मीद करते हैं, तो वह कहती हैं कि उन्हें अपने भाई के साथ चर्चा करनी होगी.’’ इनमें आगामी गोवा और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति से संबंधित मामले भी शामिल हैं.

अमरिंदर सिंह के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस कमजोर

शिवसेना नेता ने कहा कि जब उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के जरिए महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया तो प्रियंका गांधी ने कहा कि उनका परिवार भी इसी तरह की स्थिति का सामना कर रहा है. राउत ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने उनसे कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस कमजोर हुई. राउत ने कहा कि कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी या कांग्रेस की आलोचना करें, वह इस पर प्रतिक्रिया नहीं देंगे.

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