उत्तर प्रदेशलखनऊ

सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती: सीएम योगी बोले- राष्ट्रीय एकता और अखंडता के सूत्रधार थे

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरदार पटेल जयंती के अवसर पर रविवार को 75 वाहनों को काकोरी स्मारक के लिए हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया कर उन्हें नमन किया। विधानसभा के समक्ष भव्य झांकी निकाली गयी। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश स्वतंत्र भारत की अखंडता और एकता के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की पावन जयंती के कार्यक्रम को बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ आयोजित कर रहा है। इस अवसर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं दृढ़ प्रतिज्ञता के योगदान को स्मरण करते हुए उनके संकल्प के साथ जुड़ने की प्रतिज्ञा ले रहा है। यह संकल्प भारत की एकता और अखंडता को सदैव अक्षण बनाए रख सकते हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हम सब इस बात को जानते हैं कि सदियों की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ते हुए जब देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था, अनेक ऐसी रियासतें थी जो भारत गणराज्य के साथ जुड़ने में कुछ आनाकानी कर रही थीं। या अंग्रेजों की कुटिल नीति थी। या बहुत सारे ऐसे तत्व थे जो नहीं चाहते थे कि भारत एक भारत बने। काकोरी शहीद स्थल के लिए 75 वाहनों से जवानों की रैली को रवाना करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा भारत को कमजोर करने के लिए उस समय बहुत सारी रियासतों को यह अधिकार दिया था कि वह भारत में रहना चाहते हैं, पाकिस्तान में जाना चाहते हैं या स्वतंत्र रहना चाहते हैं। तमाम उस प्रकार के विकल्प रखे गये। जो लोग भारत की एकता से चिंतित थे। ऐसी परिस्थिति में अपनी सूझबूझ अपने दृढ़ प्रतिज्ञ भाव के साथ राष्ट्रभक्ति का परिचय देते हुए सरदार वल्लभ भाई पटेल ने उस समय भारत के गृह मंत्री के रूप में, उप प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने पूरे भारत के एकीकरण के लिए जो अभियान चलाया, उससे वह स्वतंत्र भारत के एकता और अखंडता के शिल्पी माने गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उनकी पावन जयंती है। यह वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव का भी वर्ष है। यह वर्ष देश की आजादी के लिए अपने को बलिदान करने वाले चौरी-चौरा के ऐतिहासिक घटना के उन सभी बलिदानियों की स्मृति की शताब्दी वर्ष भी है। हम सब जानते हैं कि चार फरवरी 1922 को गोरखपुर के चौरी-चौरा में देश की आजादी को लेकर वहां के किसानों, मजदूरों और नागरिकों ने एक बड़े अभियान को आगे बढ़ाया था। देश के क्रांतिकारियों से प्रेरणा लेकर के उस समय राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने वाले चौरी-चौरा की घटना को कांड के रूप में स्थान मिला, उस चोरी-चोरा की ऐतिहासिक घटना का भी शताब्दी वर्ष है।

उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से आजादी की लड़ाई और आजादी से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण तिथियां हम सबको अपने सनातन और पुरातन राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने के लिए निरंतर प्रेरित करती है। सरदार बल्लभ भाई पटेल जी की यह पावन जयंती 2014 से पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाता है। आज के अवसर पर भारत माता के इस महान सपूत को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यहां से काकोरी के लिए हमारे 75 जवानों को मोटरसाइकिल की शोभायात्रा के साथ यहां से काकोरी के लिए रवाना किया गया है।

इन्हें वहां प्रदेश शासन की ओर से रिसीव किया जाएगा। काकोरी की उस ऐतिहासिक घटना के लिए जिन बलदानियाें ने अपना योगदान दिया था, उन्हें वहां पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि काकोरी ने देश की आजादी की लड़ाई को महत्वपूर्ण ऊंचाईयां दी। राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद और तमाम अन्य ऐसे महान क्रांतिकारी ने पूरी दृढ़ प्रतिज्ञाओं के साथ अंग्रेजों से मोर्चा लेते हुए काकोरी नामक स्थान पर जिस कार्य को अंजाम दिया था, वह प्रदेश की राजधानी लखनऊ में है। इस अवसर पर मैं एक बार फिर से सरदार पटेल जी की स्मृतियों को नमन करते हुए आजादी के सभी बलिदानियों को, जिन्होंने अपना सर्वस्व निछावर किया था, उन सब को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

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