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क्या इज़राइल बच सकता है? गाजा से 5,000 रॉकेटों के चौंकाने वाले प्रभाव का खुलासा!

महासगर के किनारे, दुनिया के सबसे बड़े गुलजारों में से एक में, इस्राइल के सुखद और शांतिपूर्ण जीवन का सफर अचानक तबादला हो गया। एक बेहद चौंकाने वाले हमास के हमले के बाद, जिसमें इस्राइल के 40 लोगों की जान गई और 500 से अधिक घायल हो गए, देश अब एक नये मोड़ पर है।

हमास के द्वारा गाजा से 5,000 रॉकेट चलाए जाने के बाद, इस्राइल ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा की है। इस्राइल ने एक तीव्र रॉकेट हमले का प्रतिशपथ लिया है और वायदा किया है कि वह इसे पूरी तरह से प्रतिस्थापित करेगा। इस्राइल ने वायु हमले भी किए हैं, जिनके माध्यम से वह खतरनाक हमलों का पलटवार कर रहा है।

हमास, जिसका पूरा नाम “हरकतुल मुजाहिदीन” है, एक पैलेस्टिनियन इस्लामिक संगठन है जो 1987 में गढ़ा गया था। इसका उद्देश्य पैलेस्टाइन में इस्लामिक आराम स्थापित करना है और इस्राइल के खिलाफ संघर्ष करना है। हमास एक आतंकी संगठन के रूप में जाना जाता है और इसका उद्देश्य अपने धार्मिक और सियासी विचारों को पूरी करने के लिए हर कदम पर जान देने का है।

हमास के द्वारा इस्राइल पर किए गए इस हमले ने सभी को चौंका दिया है। इस हमले के परिणामस्वरूप, इस्राइल में 40 लोगों की जान गई है और 500 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।

इस्राइल ने हमास के हमले के तुरंत बाद कड़े एक्शन का आलंब लिया है। देश ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा की है और वायदा किया है कि वह इस हमले का पूरा प्रतिस्थापन करेगा।

इस्राइल ने एक्शन की शुरुआत के रूप में वायु हमलों का आयोजन किया है। इन हमलों के माध्यम से वह हमास के प्रति अपने कठिन स्थिति का उत्तराधिकार कर रहा है। वायु हमले ने हमास की संरक्षण साधनों को हिट किया है और इसे कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ा है।

यह संघर्ष इस्राइल और पैलेस्टाइन के बीच दिन-प्रतिदिन के संघर्षों और तनावों का एक हिस्सा है जो कई दशकों से जारी है। इस्राइल और पैलेस्टाइन के बीच कई मुद्दे और कस्टम विवाद हैं, और इसमें जम्मू और कश्मीर के आतंकवादी संगठनों के समर्थन में हमास का साथ शामिल है।

इस हमले के परिणामस्वरूप, इस्राइल और पैलेस्टाइन के बीच का संघर्ष और बढ़ गया है, और इसमें कई अमरीकी दलों के समर्थन में विरोध की आवश्यकता है। इसके परिणामस्वरूप, दुनिया भर में लोग चिंतित हैं और वे इस समस्या का समाधान ढ़ूँढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।

इस्तीफ़ा देने का बयान देने के बाद, इस्राइल के प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपने देश की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदमों को उठाएंगे।

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