उत्तर प्रदेशलखनऊ

कथक नृत्य में झलकी स्वतंत्रता संग्राम की गाथा

  • उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस पर समारोह ‘धरोहर ‘ हुआ आयोजित

लखनऊ। अवसर था उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस का और इसमें कथक की मोहक प्रस्तुतियों के इन्द्रधनुषी रंग भर गए। अकादमी की ओर से स्थापना दिवस पर आयोजित उत्सव ‘धरोहर ‘ में आजादी के अमृत महोत्सव और चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव का जश्न भी शामिल हो गया। कथक नृत्य के माध्यम से स्वतंत्रता संघर्ष और सेनानियों को याद किया गया। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। समारोह का आयोजन शनिवार को अकादमी के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि अकादमी के उपाध्यक्ष डॉक्टर धन्नूलाल गौतम थे। सचिव तरुण राज ने अकादमी की आधी शताब्दी से अधिक लंबी यात्रा की विस्तार से जानकारी दी।

चौरी-चौरा, काकोरी और लक्ष्मीबाई की गाथा

धरोहर के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आरंभ कथक केन्द्र की प्रस्तुतियों से हुई। श्रुति शर्मा के नृत्य निर्देशन में चौरी-चौरा की उस प्रसिद्ध घटना को याद किया गया, जिसको सौ साल हो रहे हैं। इस घटना में क्रान्तिकारियों ने गोरखपुर के चौरी-चौरा में पुलिस थाने में आग लगा दी थी, जिससे ब्रिटिश शासन घबरा गया था। चौरी-चौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास..गीत पर आधारित इस प्रस्तुति में कलाकारों ने सुन्दर प्रस्तुति दी। इसी कड़ी में केन्द्र की नीता जोशी के नृत्य निर्देशन में काकोरी ट्रेन एक्शन पर आधारित प्रस्तुति ने भी दर्शकों को खूब प्रभावित किया। उनमें देशभक्ति का रंग भर दिया। काकोरी में क्रान्तिकारियों ने खजाना लेकर जा रहे ट्रेन को लूट लिया था। देश की आजादी के लिए धन की आवश्यकता थी, जिसके लिए खजाना लूटने की इस क्रान्तिकारी घटना को अंजाम दिया गया।

कथक केन्द्र की नृत्य प्रस्तुतियों के अन्तर्गत सुरभि शुक्ला के नृत्य निर्देशन में मणिकर्णिका नृत्य नाटिका का मंचन किया गया, जो रानी लक्ष्मीबाई पर आधारित था। सुभ्रदा कुमारी चौहान की प्रसिद्ध कविता झांसी की रानी को आधार बनाकर हुई इस प्रस्तुति में रानी की वीरता की प्रभावी प्रस्तुति की गई। इन नृत्य प्रस्तुतियों में सुरभि शुक्ल, श्रुति शर्मा, नीता जोशी, सृष्टि प्रताप, प्रियम यादव, विधि जोशी, शिवांगी वडवाल, अनन्या कृष्ण राज, अदिति जायसवाल, अनुष्का यादव, ऐशिनी पाठक, मौसम कुमारी, रश्मि पांडेय, सताक्षी सिंह, समृद्धि सिंह ने भाग लिया जबकि गायन कमलाकांत, तबला राजीव शुक्ल, सितार नवीन मिश्र, बांसुरी दीपेन्द्र कुंवर का रहा।

आकांक्षा का मोहक नृत्य

शहर की वरिष्ठ नृत्यांगना आकांक्षा श्रीवास्तव ने साथी कलाकारों के साथ कथक नृत्य की मोहक प्रस्तुति की। अपने कार्यक्रम का आरंभ ठुमरी-नीर भरन कैसे जाऊं सखि.. से करते हुए उन्होंने मारु विहाग राग की बंदिश-जागू मैं सारी रैना..पर प्रस्तुति दी। अपने नृत्य में उन्होंने भाव प्रदर्शन के साथ ही उठान, टुकड़े, परन का भी सुंदर निकास किया। कार्यक्रम का समापन उन्होंने माखन लाल चतुर्वेदी की चर्चित रचना-पुष्प की अभिलाषा से किया। इन नृत्य प्रस्तुतियों में साक्षी तिवारी, शीजा राय, खुशी मौर्या, प्रीति तिवारी, आरोहिणी चौधरी ने भी भाग लिया। गायन में दिनकर द्विवेदी, तबला पर नितीश भारती, सितार पर नवीन मिश्र, बांसुरी पर दीपेन्द्र कुंवर एवं सारंगी पर जीशान ने संगत की।

ऑनलाइन बड़ी संख्या में जुड़े लोगः सचिव

अकादमी के उपाध्यक्ष डॉक्टर धन्नूलाल गौतम, ब्रिगेडियर रवीन्द्र श्रीवास्तव, सचिव तरुण राज ने दीप प्रज्जवलन कर समारोह का उद्घाटन किया। अकादमी के सचिव तरुण राज ने कहा कि 58 साल की उम्र में अकादमी युवाओं की तरह सक्रिय है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अकादमी की आनलाइन गतिविधियों का संस्कृतिप्रेमियों ने खूब आनंद लिया। बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़े और इनका अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि हमारे अभिलेखागार में दुर्लभ रिकॉर्डिंग सुरक्षित है जिसे हम अपनी वेबसाइट के जरिए संगीत प्रेमियों से साझा करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी स्टूडियो और पुस्तकालय को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। प्रेक्षागृह में ध्वनि एवं प्रकाश व्यवस्था को बेहतर किया गया है।

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