फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट से एंट्री लेने वाले 9 बांग्लादेशी पकड़े गए, ATS ने कानपुर स्टेशन से किया है गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश ATS (UP ATS ) ने भारत में बांग्लादेश के नागरिकों को फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड और पासपोर्ट (fake Aadhar card and passport) से देश में दाखिल कराने वाले गिरोह को पर्दाफाश किया है. पकड़े गए सभी आरोपी बांग्लादेश के रहने वाले हैं. एटीएस के आईजी जीके गोस्वामी का कहना है कि गैंग के लोगों का संपर्क कुछ पाकिस्तानी लोगों से है, जिसके बारे में एटीएस की टीम जांच कर रही है. गैंग के मास्टरमाइंड महफूजुर रहमान उर्फ टोनी को एटीएस ने कोलकाता से दबोचा था. उससे पूछताछ के बाद गैंग के बाकी 8 सदस्यों को कानपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है.
एटीएस आईजी ने बताया कि मास्टरमाइंड महफूजुर रहमान कोलकाता में एक मदरसे में रह रहा था. साल 2010 में वह अवैध तरीके से भारत- बांग्लादेश बॉर्डर पार कर भारत पहुंचा और पश्चिम बंगाल में रहकर फर्जी तरीके से भारतीय दस्तावेज बनाकर 2013 में दुबई गया.
गैंग के सरगना का है पाक कनेक्शन
दुबई से लौटकर वह बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं को भारत लाकर फर्जी दस्तावेजों से विदेश भेजने का गैंग चलाने लगा. इसके एवज में वो प्रति व्यक्ति 1 से 7 लाख रुपये तक वसूलता था. गैंग ने खाड़ी देशों के अलावा मलेशिया और लंदन तक लोगों को भेजा है. मास्टरमाइंड महफूजुर रहमान कोलकाता में जिस खाली पड़े मदरसे में रह रहा था, वहां अवैध तरीके से लाये तमाम बांग्लादेशियों को ठहराकर उन्हें हिंदी बोलने, लिखने और उनके फर्जी नामों के हस्ताक्षर बनवाने की ट्रेनिंग भी दिलवा रहा था. पूछताछ में खुलासा हुआ कि महफूजुर रहमान का संपर्क पाकिस्तान में कुछ लोगों से है, जिसे लेकर एटीएस अब उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है.
सभी आरोपी हैं बांग्लादेशी
आईजी ने बताया कि कानपुर से गिरफ्तार सभी लोगों को महफूजुर रहमान फर्जी दस्तावेजों के जरिये कोलकाता से कानपुर होते हुए नई दिल्ली भेज रहा था. वहां महफूजुर के साथी उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से हवाई जहाज से दुबई भेज देते. एयरलाइंस कंपनी के कर्मचारी भी इस फर्जीवाड़े में गैंग की मदद करते थे. पकड़े गए लोगों में असीदुल इस्लाम, हुसैन मो. फहद, अलअमीन, जैबुल इस्लाम, जमील अहमद, राजिब हुसैन, शखावत खान और अलाउद्दीन तारिक शामिल हैं. सभी बांग्लादेशी हैं और फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाकर विदेश जाने की फिराक में थे. इस मामले में एटीएस अब तक 18 लोगो को गिरफ्तार कर चुकी है.