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आतंक पर लगेगी लगाम! घाटी में चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर, सीसीटीवी की निगरानी में पूरा किश्तवाड़ शहर

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि किश्तवाड़ शहर पूरी तरह सीसीटीवी कैमरे की निगरानी से लैस हो चुका है और किसी भी घटना के बाद कोई भी अपराधी बच नहीं सकता है. पिछले कुछ सालों में किश्तवाड़ में आतंक से जुड़ी घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिली है. हालांकि पुलिस ने कहा कि सुरक्षाबलों को पिछले कुछ समय से आतंक के खिलाफ बड़ी सफलता भी मिली है.

किश्तवाड़ के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) सतेश कुमार ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इलाकों में आम नागरिकों की सहमति के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. उन्होंने कहा, “हम भरोसे के साथ कह सकते हैं कि पूरा किश्तवाड़ शहर सीसीटीवी की निगरानी में हैं. अगर किसी भी तरह की वारदात और चोरी में कोई शामिल पाया जाएगा, तो वह पुलिस से बच नहीं पाएगा.”

किश्तवाड़ में शुक्रवार को चोरी के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. पुलिस ने बताया कि समीर किछलू द्वारा एक शिकायत दर्ज कराई गई थी कि पोछल इलाके में उनकी दुकान से अज्ञात लोगों ने चोरी की. अधिकारियों के मुताबिक, जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 40 संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई. गिरफ्तार आरोपी की पहचान चेतक के तौर पर हुई. आरोपी के पास से 50 हजार रुपए का केसर, दो मोबाइल फोन, कपड़े और 6 हजार रुपए कैश बरामद किए गए.

किश्तवाड़ में कई आतंकियों की हुई गिरफ्तारी

पिछले महीने, 20 अक्टूबर को सुरक्षा बलों ने किश्तवाड़ जिले में हथगोले के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर एक आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया था. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान डोडा जिले के सोहेल अहमद भट के रूप में हुई थी.

वहीं सितंबर महीने में इसी जिले से पुलिस ने कई पूर्व आतंकियों को गिरफ्तार किया था. 25 सितंबर को 19 साल तक चली तलाश के बाद किश्तवाड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के एक पूर्व आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया था कि रियासी के अरनास का निवासी दुल्ला उर्फ ‘जमील’ तीसरा पूर्व आतंकवादी है, जिसे पिछले 11 दिनों में किश्तवाड़ में पुलिस ने गिरफ्तार किया. दुल्ला चटरू इलाके के कुंदवार गांव में रह रहा था.

पुलिस ने बताया था कि दुल्ला 2002 में चटरू पुलिस थाने में उसके खिलाफ दर्ज आतंकवाद से संबंधित एक मामले में वॉन्टेड था लेकिन वह गिरफ्तारी से बच रहा था. उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इससे पहले, दो भगोड़ों नाजिर अहमद और अब्दुल गनी उर्फ ‘‘माविया’’ को 12 साल और 19 साल तक चली तलाश के बाद क्रमश: 15 सितंबर और 17 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. ये दोनों पहले आतंकवादी थे.

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