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काशी में सियासी मंथन से खुलेगा लोकभवन के पंचम तल का दरवाजा, पिछले तीन चुनाव से अलग होगा शाह का ‘चक्रव्यूह’

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के बड़े चुनावी रणनीतिकार और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बनारस के दौरे पर हैं. अमित शाह की आज बीजेपी के बड़े पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक हो रही है और इस बैठक में यूपी जीत के लिए मंथन किया जाएगा. असल में आगामी विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए बहुत अहम है. क्योंकि दिल्ली की सत्ता में फिर से काबिज होने के लिए यूपी फतह जरूरी है. लिहाजा बीजेपी ने यूपी जीत के लिए अमित शाह को लगाया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी के मिशन-2022 के लिए अमित शाह. इस बार कुछ खास व्यूह की रचना करेंगे, जो पिछले उनके तीन चुनाव से अलग होगा. ताकि विपक्षी दलों को मात देकर फिर से राज्य की सत्ता पर काबिज हुआ जा सके.

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आज यूपी विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर बीजेपी की अब तक की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बैठक हो रही है. इस बैठक में चुनाव और संगठन के प्रभारियों और पदाधिकारियों के अलावा प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों को बुलाया गया है. अमित शाह आज और कल पार्टी के नेताओं से साथ बैठक करेंगे. इस बैठक में विधानसभा के आधार पर फीडबैक लेकर आगे की रणनीति अमित शाह तैयार करेंगे. असल में अमित शाह को बूथ स्तर मैनेजमेंट का मास्टर माना जाता है और 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने ही रणनीति तैयार की थी और बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी.

पिछले तीन चुनावों में रहा है बेहतरीन प्रदर्शन

अगर हम यूपी में बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के प्रदर्शन की बात करें तो हमें पिछले तीन चुनावों का रिकार्ड देखना होगा. क्योंकि इन तीनों में अमित शाह ने रणनीति बनाई थी और बीजेपी को जीत मिली और केन्द्र की सत्ता में बीजेपी के नए युग की शुरुआत हुई. खास बात ये है कि 2019 लोकसभा चुनाव में राज्य में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन हुआ था और उसके बावजूद बीजेपी ने राज्य में 80 लोकसभा सीटों में से 64 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. जो गठबंधन के लिए किसी झटके से कम नहीं था. जबकि दोनों दल का गठबंधन महज 15 सीटें ही जीत सका. अगर बात 2017 के विधानसभा चुनाव की करें तो राज्य में बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए 404 सीटों में 325 सीटों पर सहयोगी दलों के साथ जीत दर्ज की थी. लेकिन इन दोनों चुनाव से पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी में 80 में से 73 सीटें जीतकर विपक्षी दलों के सामने चुनौती पेश की थी. गौरतलब है कि इन तीनों ही चुनाव में बीजेपी के मु्ख्य रणनीतिकार अमित शाह ही थे.

अलग होगी मिशन-2022 की रणनीति

असल में बीजेपी अच्छी तरह से जानती है कि पिछले साढ़े चार साल तक सत्ता में रहने का खामियाजा उसने उठाना पड़ेगा और सत्ता विरोधी वोट से उसे जूझना पड़ेगा. वहीं इसके अलावा 2017 में सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी अब उसके साथ नहीं है. जिसके कारण बीजेपी को 2017 के विधानसभा चुनाव में फायदा मिला था. दूसरी तरफ राज्य के छोटे सियासी दल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर रहे हैं, जो बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती पेश कर सकता है. वही पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के कारण पार्टी को नुकसान हो सकता है. इन सब बातों को ध्यान में रखकर बीजेपी चुनाव की तैयारी कर रही है.

तो इसलिए काशी को बनाया केन्द्र..

अगर बीजेपी के पिछले तीन साल का रिकॉर्ड देखें तो उसका फोकस पूर्वांचल पर ज्यादा रहा है और काशी को बनारस ने अपना गढ़ बनाया है. दरअसल, 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव नरेन्द्र मोदी ने बनारस से ही लड़ा और काशी के जरिए उन्हें हिंदू वोटरों को साधने में सफलता मिली. क्योंकि काशी हिंदू धर्म के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र है और पिछले तीन चुनाव में बीजेपी हिंदू वोटर को साधने में सफल रही है. लिहाजा इस बार भी बीजेपी ने काशी को ही अपना सियासी मंथन का गढ़ बनाया है. यही नहीं दिसंबर में पीएम मोदी श्रीविश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने आ रहे हैं. जिसे बीजेपी एक बड़े मेगा शो के तौर पर पेश करेगी. अगर बात 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने पूर्वांचल की 164 में 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि अन्य दल 49 सीटों पर ही सिमट गए थे.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि आज और कल केन्द्रीय गृहमंत्री काशी और आजमगढ़ के दौरे पर रहेंगे और पिछले चुनावों की तरह वह इस बार भी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरेंगे. आज की बैठक के बाद सभी पार्टी नेता और कार्यकर्ता अपने क्षेत्र और जिलों में जाकर कमल खिलाने के लिए कार्य में जुट जाएंगे. श्रीवास्तव कहते हैं कि अगर बात 2017 के विधानसभा चुनाव की करें तो अमित शाह जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया और बीजेपी ने 2017 में बड़ी जीत दर्ज की थी. लिहाजा इस बार भी वह जीत का मंत्र लेकर यूपी आए हैं और 2022 में बीजेपी एक बड़ी जीत दर्ज करेगी.

बीजेपी और संघ की राजनीति को समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार दीपक उपाध्याय कहते हैं कि अमित शाह कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं और बीजेपी में कोई भी सियासी फैसला काफी सोच समझकर लिया जाता है और इसके सियासी मायने भी होते हैं. काशी एक तरह से यूपी की सियासत का बड़ा केन्द्र है और इसके जरिए पूर्वांचल में पकड़ बनाने में बीजेपी को मदद मिलेगी. वह कहते हैं अमित शाह पिछले दिनों अवध का केन्द्र कहे जाने वाले लखनऊ में बैठक कर चुके हैं और जल्द ही वह पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी अपनी बैठक करेंगे. भले कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. लेकिन पिछले चुनावों को भी देखें तो बीजेपी के लिए वहां पर राह आसान नहीं थी. फिर भी बीजेपी ने पश्चिम में 136 सीटों में 109 सीटें जीती. जबकि राज्य की सत्ता पर समाजवादी पार्टी काबिज थी.

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