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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा- पराली पर रोक के लिए दें इंसेंटिव, पूछा- प्रदूषण रोकने के लिए क्या किया?

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर जारी है. इसी बीच शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई हो रही है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई. जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, आखिर किसानों से आप पराली लेकर उनका प्रबंधन क्यों नहीं करते हैं. पराली और कचरा प्रबंधन कि मशीने इतनी महंगी है कि किसाने उन्हें खरीद नहीं सकते. केंद्र और राज्य यह मशीने क्यों नहीं मुहैया कराते हैं ? जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ” मैं एक किसान हूं और सीजेआई भी एक किसान हैं. इसलिए हकीकत जानते हैं.”

जिसके जवाब में एसजी ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं.SG तुषार मेहता ने आगे बताया कि डिटेल हल्फ़नामा दाखिल कर दिया है. उन्होंने कोर्ट में कहा, हम यह नहीं कह रहे हैं प्रदूषण के लिए सिर्फ किसान ज़िम्मेदार हैं, लेकिन पराली से 30-40 प्रतिशत प्रदूषण होता है. मशीनें गरीब किसानों को निशुल्क दी जाती हैं और शेष को सब्सिडी रेट पर दी जाती है

‘मशीने मुहैया कराने के लिए कुल कितना खर्च आएगा’

वहीं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भी केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, पंजाब, हरियाणा में किसानों को मशीने मुहैया कराने के लिए कुल कितना खर्च आएगा. हमें ये बताएं. कोर्ट ने पूछा कि हरियाणा में खरीफ सीजन में आप कितने प्रतिशत पराली का प्रबंधन करते हैं.जिसके जवाब में SJ ने कहा कि हरियाणा, पंजाब और यूपी में कस्टम हायरिंग सेंटर (मशीनों को किराए पर देने के केंद्र) खोले गए हैं, जहां पराली प्रबंधन के लिए किसानों को सस्ते किराए पर मशीने मिलती हैं.कोर्ट ने पूछा कि पराली किसानों से लेकर प्रबंधन कि आपकी ओर से क्या व्यवस्था की गई है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने आगे कहा, इस बार मानसून लेट था. ऐसे में आपको किसानों के लिए व्यवस्था करनी चाहिए थी.पूरा मसला कदमों को सही तरीके से लागू कराने की है. थर्मल पावर प्लांट तक पराली कैसे पहुंचे. इसकी क्या व्यवस्था कि गई है.जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा, आप अभी भी सीजेआई के उस प्रश्न का उत्तर देना चाहते हैं जो यह था कि प्रदूषण के 80% कारण पराली जलाने के अलावा अन्य हैं.पटाखों, वाहनों से होने वाले प्रदूषण आदि को नियंत्रित करने के लिए आपका तंत्र क्या है?

वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में बच्चों के स्कूल का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद स्कूल खुले हैं. छोटे बच्चे ऐसी आबोहवा में स्कूल कैसे जाएंगे. डॉक्टर गुलेरिया ने भी इस बारे में कहा है. आप बताएं क्या करें. SC ने पराली जलाने से दीर्घकालिक उपाय करने के निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र को प्रदूषण के मुद्दे पर बिना राजनीति किए बिना आपातकालीन उपाय किए जाने की भी सलाह दी. जिसके बाद एसजी ने बताया कि राज्यों के मुख्य सचिवों की आज बैठक है, आज की बैठक आपातकालीन स्तिथि पर है.आज की बैठक में यह राज्यों और केंद्र का संयुक्त प्रयास होगा.

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