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यूपी में है खाद संकट या साजिश! सरकार के रडार पर बड़े खरीदार किसान

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में खाद संकट है. हालांकि सरकार का दावा है कि राज्य में खाद संकट नहीं है. जबकि पिछले दिनों बुंदेलखंड क्षेत्र के ललितपुर में खाद संकट के कारण चार किसानों की जान चली गई थी. वहीं इसने सियासी रंग भी ले लिया था. विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाए कि वह किसानों को खाद उपलब्ध नहीं करा रही हैं. अब राज्य सरकार जिन जिलों में उर्वरक की कमी हो रही है, वहां पर खाद संकट के दोषियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है. सरकार का दावा है कि मांग की तुलना में आपूर्ति लगातार की जा रही है. उसके बावजूद जिलों में खाद संकट बताया जा रहा है.

सरकार का कहना है कि आम किसानों को खाद आसानी से नहीं मिल पा रही है, क्योंकि दुकानदार कुछ किसानों को 50-50 बोरियां खाद बेच रहे हैं. जबकि उन्हें दो से पांच बोरियों की जरूरत है. लिहाजा इसे खाद संकट बनाने की साजिश हो सकती है. फिलहाल राज्य का कृषि विभाग इस बात के आंकड़े जुटा रहा है कि किस किसान ने कितनी बोरी खाद लिया और उसके पास जमीन कितनी है. क्योंकि कृषि विभाग को शक है कि खाद का संकट नहीं है बल्कि इसे बनाया जा रहा है. इसलिए ज्यादा उर्वरक खरीदने वालों का सत्यापन किया जाएगा.

लक्ष्य का आधा हो चुका है आवंटित

कृषि विभाग का कहना है कि राज्य में रबी फसलों की बुवाई के समय से ही खाद की अधिक मांग है और इस साल सीजन के लिए 65.80 लाख टन खाद का लक्ष्य रखा गया था और अभी तक सरकार ने 30.86 लाख टन में से खाद आवंटित की है. लेकिन उसके बावजूद किसानों को खाद नहीं मिलने की शिकायतें मिल रही है. लिहाजा अब इसकी जांच कराई जा रही है.

किसानों ने ज्यादा खाद

कृषि विभाग का कहना है कि दुकानदारों द्वारा खाद की समस्या पैदा की गई है. जब इस बात की जांच की गई तो पता चला कि जिलों में कई किसानों के नाम पर 50-50 बोरियां खाद बेची गई हैं, जबकि इन किसानों के इतनी जमीन नहीं है कि वह 50 बोरी खाद का उपयोग कर सकें.

शासन को भेजा गया है प्रस्ताव

कृषि निदेशालय ने राज्य में खाद की कमी को देखते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव के मुताबिक जिलों में ज्यादा खाद खरीदने वाले 100 किसानों की जांच की जाए. विभागीय अधिकारी उनके घर जाकर इसकी जांच करें कि उन्होंने कितनी खाद खरीदी और उन्हें कितने खाद की जरूरत है. फिलहाल निदेशालय ने 10 नवंबर तक हर जिले के 100 किसानों की जिलावार सूची भी तैयार कर ली है, जिसे सभी जिलाधिकारियों को भेजा जा रहा है.

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