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केंद्र ने सरकारी कामकाज को गति देने के लिए 77 मंत्रियों को 8 समूह में बांटा, 3 महीने में मंत्रिमंडल की 5 चिंतन बैठकों के बाद फैसला

मंत्रिसमूह की 3 महीने में 5 चिंतन बैठकों के बाद अब केन्द्र सरकार ने सरकारी कामकाज को गति देने के लिए सरकार के सभी 77 मंत्रियों को 8 समूह में बांट दिया गया है. इन समूहों में एक वरिष्ठ मंत्री पूरे ग्रूप के हेड की तरह काम करेंगे. इसके अलावा दो नए मंत्री, कुछ पुराने मंत्री और कुछ राज्यमंत्री जोड़े गए हैं. नए व्यवस्था के तहत अब मंत्रियों को अपने स्टॉफ में दक्ष लोगों को सेलेक्शन से लेकर किसी टेक्निकल इश्यू पर एक्सपर्ट ओपिनियन लेने या विषय की बेहतर समझ लेने के लिए आपसी सुझाव, कामकाज में टेक्नोलॉजी के प्रयोग जैसे विषयों में भी ये समूह आपस में समन्यवय स्थापित करता रहेगा.

दरअसल, इसके पीछे का मकसद हर समूह का आपस मे तालमेल बनाने और विचार का आदान-प्रदान करके सरकार के काम काज को गुणवत्ता और धारदार बनाने का है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को समूह में बांटने का फैसला कामकाज में अधिक पारदर्शिता लाने और सरकार की दक्षता को और अधिक बढ़ाने के लिए किया है, जिससे आपस में लगातार सम्पर्क बना रहे और काम काज बिना अटके और लटके तेज़ी से हो. साथ ही साथ योजनाओं का लाभ आम आदमी तक कम समय में बिना बाधा के पहुंचे.

एक मंत्रालय के कामकाज की जानकारी दूसरे मंत्रालय को भी रहेगी

77 मंत्रियों को 8 समूह में बांटने के पीछे की दूसरी मंशा नए मंत्रियों को बिना समय गंवाए सरकारी नीतियों को समझने में आसानी हो ये भी है, जिन्हें पहली बार सरकार में काम करने का अवसर मिला है. कई बार उनको दिक्कतों का सामना करना पड़ता है या अधिकारियों के मार्गदर्शन की जरूरत पड़ती है.

अब इस नए तरीके से एक मंत्रालय के कामकाज की जानकारी दूसरे मंत्रालय को भी रहेगी और इससे जुड़ा काम अगर दूसरे विभाग से जुड़ा है तो वहां भी काम संयुक्त रूप से तेजी से किया जा सकेगा. प्रधानमंत्री लगातार मंत्रिमंडल की बैठक कर रहे हैं और लगातार मंत्रियों और मंत्रालय के बीच सामंजस्य बैठाने की जरूरत पर बल दे रहे हैं. उसी कड़ी में ये महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया गया है.

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