किसानों के लम्बे संघर्ष की विजय है कृषि कानूनों की वापसी: पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह
लखनऊ। पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन कृषि कानून को वापस लेने की घोषण पर अपनी प्रतिक्रिया दी। पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि पीएम मोदी की इस घोषणा से तो लगता है कि कृषि कानूनों की वापसी को लेकर लम्बे समय से आंदोलन कर रहे किसानों की मेहनत रंग लाई है। किसानों के लम्बे संघर्ष की विजय है।
उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय से अर्थात लगभग एक वर्ष से सर्दी, गर्मी व बरसात आदि की मार झेलते हुए अपने आंदोलन पर डटे रहने वाले और उनमें से कुछ किसानों के शहीद हो जाने का बलिदान अंत में रंग लाया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने उन विवादित कानूनों को वापस लेने की घोषणा अति देर से की जबकि उनको यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था। केन्द्र सरकार यदि ये फैसला काफी पहले ले लेती तो यह देश अनेकों प्रकार के झगड़ों व झंझट आदि से बच जाता।
योगेश प्रताप सिंह ने कहा इस लड़ाई में जिन किसानों ने अपने प्राणों की आहूति दी, उन्हें शत शत नमन। उनके बलिदान का परिणाम है कि क्रुर व निर्दयी केंद्र सरकार को झुकना पड़ा और उत्तर प्रदेश में पूरब से पश्चिम व उत्तर से दक्षिण तक अपनी आसन्न हार को देखते हुए यह भाजपा के पराभव का प्रारंभ है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जी की विजय रथ यात्रा जो पूर्वांचल में ग़ाज़ीपुर से लखनऊ तक पहुँचीं उसके ऐतिहासिक प्रभाव से भाजपा घबरा गई। किसानों के नेतृत्व को भी साधुवाद, जिन्होंने बड़े धैर्य एवं सधे कदमों से आंदोलन का नेतृत्व किया।
योगेश प्रताप सिंह ने इसके साथ ही कहा कि आज मैं खासतौर से केन्द्र की सरकार से यह भी कहना चाहूंगा कि किसानों के इस आंदोलन के दौरान जो शहीद हो गए हैं उनके परिवार को उचित आर्थिक मदद दे व उनके परिवार में से किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दे। इसके साथ ही आज कार्तिक पूर्णिमा पर्व व गुरु नानक देव की जयंती की सभी देशवासियों को मैं बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।