उत्तर प्रदेशलखनऊ

उप्र के भूजल स्तर को सुधारने में जुटी योगी सरकार

  • अटल भूजल योजना के तहत बुंदेलखंड क्षेत्र के कई जनपदों को किया गया चिन्हित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में भूजलसंकट हमेशा से एक अहम समस्या रही है। राज्य को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र के महोबा, झांसी, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और ललितपुर जनपदों के 20 विकास खंडों व पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ जनपद के छह विकास खंडों समेत कुल 26 ब्लाकों को भूजल प्रबंधन में सुधार लाये जाने के उद्देश्य से चयनित किया गया है।

550 ग्राम पंचायतों पर खास ध्यान

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां बताया कि इन 26 विकास खंडों की कुल चयनित 550 ग्राम पंचायतों में वाटर सिक्योरिटी प्लान का विकास करते हुए क्षेत्र विषेश की हाइड्रोजियोलाजिकल परिस्थितियों के अनुरूप विभिन्न डिमाण्ड साइड इन्टरवेक्षन यथा माइक्रो इरीगेषन पद्यति (ड्रिप एवं स्प्रिंकलर प्रणाली द्वारा सिंचाई) सिंचाई हेतु जल का पुनर्पयोग, फसल चक्र में परिवर्तित कम जल खपत वाली फसलों का चयन, कैनाल कमांड एरिया में प्रेषराइज्ड इरीगेषन पद्यति एवं अन्य जल बचत के उपाय तथा सप्लाई साइड इंटरवेंषन यथा चेकडैम परकोलेषन पांड, कंटूर बडिंग/ट्रेन्चेस, रिचार्ज ट्रेन्च/शाफ्ट/बेल का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

2024-25 तक भूगर्भ जल संकट होगा खत्म

प्रवक्ता ने बताया कि ‘अटल भूजल योजना’ के माध्यम से सरकार भूजल प्रबंधन के लिए सामुदायिक भागीदारी पर जोर दे रही है। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लागू की गई यह योजना हर आम व्यक्ति के जीवन में पानी की कमी को दूर करने के साथ-साथ उसके जीवनस्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभा रही है। इस योजना के तहत अच्छे जल स्रोत, किसानों की आय में बढ़ोत्तरी और जल उपयोग की सुविधा के लिए लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने का एक प्रयास है। इस परियोजना पर सरकार 717.73 करोड़ रुपए खर्च कर रही है और 2024-25 तक भूजल संकट को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।

506 ग्राम पंचायतों में वाटर सिक्योरिटी प्लान का हो चुका विकास

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार अटल भूजल योजना के अन्तर्गत विकास हेतु 79 गैर सरकारी संगठनों के डिस्ट्रिक्ट इंप्लीमेंशन पार्टनर्स के रूप में चयनित किया गया है। वर्तमान तक 506 ग्राम पंचायतों में वाटर सिक्योरिटी प्लान का विकास किया जा चुका है, इन प्लान में प्रस्तावित कार्यों के क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय इकाई का गठन किया गया है, जिसमें समस्त सम्बन्धित विभाग सदस्य के रूप में नामित है।

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