उत्तर प्रदेशलखनऊ

योगी सरकार देगी 12 लाख पेंशनर्स को तीन फीसदी महंगाई भत्ता, संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भी मिलेगा पीएफ

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के बाद अब पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते का ऐलान किया है. राज्य सरकार ने बुधवार को एक जुलाई 2021 से प्रदेश के 12 लाख से अधिक पेंशनर्स/पारिवारिक पेंशनरों को महंगाई राहत वृद्धि का लाभ देने का आदेश जारी किया है. राज्य सरकार के आदेश के बाद अब पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनर्स को 28 फीसदी की जगह 31 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा.

जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार का ये आदेश उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, स्थानीय निकायों के सेवकों और सार्वजनिक उपक्रमों आदि पर लागू नहीं होगा. वहीं अखिल भारतीय सेवा पेंशनर्स/पारिवारिक पेंशनरों के संबंध में अलग से आदेश जारी किया जाएगा. फिलहाल राज्य सरकार का ये फैसला काफी अहम माना जा रहा है और इसके साथ ही राज्य सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा. फिलहाल जानकारी के मुताबिक राज्य का आदेश राज्य निधि से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के ऐसे पेंशनरों पर भी लागू होगा, जिनकी सरकारी पेंशनरों के बराबर पेंशन/पारिवारिक पेंशन हैं. राज्य सरकार के आदेश के बाद पेंशनरों को जनवरी में मिलने वाली पेंशन के साथ महंगाई राहत वृद्धि का पांच माह का भी बकाया मिलेगा. असल में पिछले दिनों ही राज्य सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते का ऐलान किया था. जिसके बाद माना जा रहा था कि राज्य सरकार पेंशनर्स के लिए भी महंगाई भत्ते का ऐलान करेगी.

संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मियों को मिलेगा पीएफ का लाभ

वहीं राज्य सरकार ने राज्य के सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. राज्य में अब इन कर्मचारियों को पीएफ योजना का लाभ मिलेगा और ये राज्य सरकार ने अनिवार्य कर दिया है. जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार अगले कुछ दिनों में इसको लेकर आदेश जारी कर सकती है.

राज्य के 148 नगर निगमों और नगर पंचायत में लागू होगी पीएफ योजना

जानकारी के मुताबिक राज्य की योगी सरकार ने अब राज्य के 148 नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में भी पीएफ योजना लागू करने का फैसला किया है. जानकारी के मुताबिक स्थानीय निकायों ने पीएफ योजना के क्रियान्वयन के संबंध में प्रयागराज उच्च न्यायालय से स्टे ले रखा है, वहां के स्टे का पुनरीक्षण किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक बुधवार को यूपी ईपीएफओ बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

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