नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी ”सांप्रदायिक शक्तियों” को हराने के लिए जम्मू-कश्मीर का अगला विधानसभा चुनाव गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (PAGD) में शामिल दलों के साथ मिलकर लड़ सकती है. अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के पांच प्रमुख राजनीतिक दलों के गठबंधन पीएजीडी के अध्यक्ष हैं.
इस गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, CPI-M, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स मूवमेंट शाामिल हैं. पीएजीडी पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग करता है, जिसे अगस्त 2019 में समाप्त कर दिया गया था. अब्दुल्ला ने कश्मीर में हालात पर बात करते हुए दावा किया कि स्थिति 90 के दशक से भी अधिक बदतर है, जब जम्मू कश्मीर में आतंकवाद ने सिर उठाना शुरू किया था.
‘मुसलमान ने देश को अपना खून दिया है’
अब्दुल्ला ने इसका कारण बताते हुए कहा कि युवाओं को लगता है कि आधुनिक भारत में उनके लिए कोई स्थान नहीं है और वे दिल्ली में बैठी सरकार पर विश्वास खो चुके हैं. हाल ही में न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ को दिए एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि जब चुनाव आएंगे, तो हम विभाजनकारी और सांप्रदायिक शक्तियों को पराजित करने के लिए एक बार फिर साथ आएंगे.’ उन्होंने कहा कि आज हर मुसलमान, चाहे वह कश्मीर का हो या शेष भारत का, उसे बार-बार साबित करना पड़ता है कि वह एक राष्ट्रवादी है. जबकि उसके समुदाय के लोगों ने देश के लिए अपना खून दिया है.
‘हिंदुओं से क्यों नहीं पूछते सवाल’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह त्रासदी है कि हर मुसलमान को, चाहे वह कश्मीर का हो या शेष भारत का, उसे बार-बार यह साबित करना पड़ता है कि वह एक राष्ट्रवादी है. वह एक भारतीय है. क्यों? दूसरों के साथ ऐसा क्यों नहीं हो रहा है? वे हिंदुओं से क्यों नहीं पूछते कि “क्या आप भारतीय हैं?” केवल मुसलमान ही क्यों, जिन्होंने इस देश के लिए खून दिया है और लगातार इस देश के लिए खून दे रहे हैं, हर जगह इस देश की रक्षा कर रहे हैं.’