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प्रदूषण से NCR का बुरा हाल: ईंट भट्टों को बंद करने में विफल रहने पर यूपी के दो DM को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भेजा अवमानना नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के दो जिलों गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर के जिलाधिकारियों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है. जस्टिस अब्दुल मोईन की कोर्ट ने बुलंदशहर के जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह और जिला मजिस्ट्रेट गौतमबुद्धनगर के सुहास लालिनाकेरे यतिराज को उनके संबंधित जिलों में सभी ईंट भट्टों को बंद करने में विफल रहने पर नोटिस जारी किया.

दरअसल, कोर्ट सोहनवीर द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था कि 2014 में एक जनहित याचिका में अपने फैसले में, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश ईंट भट्टा (स्थापना के लिए मानदंड) नियम, 2012 के उल्लंघन में ईंट भट्टों को चलाने से संबंधित एक सामान्य आदेश दिया था.

यह तर्क दिया गया था कि उसके बाद, अक्टूबर 2021 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक और परिपत्र जारी किया गया था, जिसके तहत यह निर्देश दिया गया था कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देश पर दिल्ली में सभी ईंट भट्टे बंद रहेंगे.

इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, कोर्ट के समक्ष यह तर्क दिया गया था कि आवेदक ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और इस कोर्ट की एक खंडपीठ द्वारा जारी आदेशों के उल्लंघन में कुछ ईंट भट्टों के संचालन के बारे में अधिकारियों को सूचित करने के बावजूद, कोई ध्यान नहीं दिया गया था. उसी पर और उक्त ईंट भट्टे अभी भी चल रहे हैं.

इसे देखते हुए अब प्रतिवादी/डीएम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय और आदेश का पालन न करने पर उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए.

यह हैं प्रमुख मानक

  1. नगर निकाय से पांच किमी के दायरे में न हो.
  2. इसके बाहर 100 से 150 आबादी क्षेत्र से 500 मीटर दूर हो.
  3. बस्ती या गांव की आबादी 150 से अधिक है तो भट्ठा की दूरी 1 किमी जरूरी है.
  4. अस्पताल, स्कूल, सार्वजनिक भवन एक किमी दूरी हो.
  5. रेलवे ट्रैक से 200 मीटर और हाईवे से 300 मीटर दूरी हो.
  6. राख को हवा में फैलने से रोकने के लिए उच्च तकनीक की चिमनी लगी हो.
  7. ध्वनि प्रदूषण से सुरक्षा के लिए चारों ओर दोहरी दीवार हो.

NCR की हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में

दिल्‍ली-NCR की हवा की गुणवत्ता (Delhi Air Quality) में पिछले कुछ दिनों से सुधार देखने को मिल रहा है, लेकिन यह अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. वायु गुणवत्ता बहुत खराब से खिसक कर खराब श्रेणी में पहुंच गई है. वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली(सफर) के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक(AQI) 256 दर्ज किया गया है.

इससे पहले शनिवार को दिल्ली का एक्यूआई 281 रहा. इससे एक दिन पहले यह 314 दर्ज किया गया था. इसके अलावा फरीदाबाद का एक्यूआई 221, गाजियाबाद का 264, ग्रेटर नोएडा का 192, गुरुग्राम का 268 व नोएडा का एक्यूआई 218 रिकॉर्ड किया गया था. अगले दो से तीन दिनों तक रात में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब व दिन में खराब श्रेणी में बनी रहेगी. इसका प्रमुख कारण रात में पारा लुढ़कने और दिन में धूप खिलने को माना जा रहा है.

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