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Agra Dayalbagh Case: हाईकोर्ट ने दयालबाग मामले में 16 अक्टूबर तक कार्रवाई पर लगाई रोक

आगरा: ताजनगरी के बहुचर्चित दयालबाग प्रकरण में इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. जिसमें एक बार फिर हाईकोर्ट ने राधास्वामी सत्संग सभा को राहत दी है. जिसके चलते मौके पर 16 अक्टूबर तक यथा स्थिति रहने के आदेश दिए गए हैं. हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी.

बता दें कि 23 सितंबर 2023 को जिला प्रशासन ने राधास्वामी सत्संग सभा की ओर से आम रास्तों पर लगाए गए गेटों को ध्वस्त कर दिया था. इस पर राधा स्वामी सत्संग सभा ने फिर से गेट लगा लिए. 24 सितंबर 2023 को फिर से प्रशासनिक अधिकारी मय पुलिसबल के साथ दयालबाग पहुंचे. जहां पर बवाल हो गया और जमकर पथराव भी हुआ. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. पथराव और लाठीचार्ज में 12 से ज्यादा पुलिसकर्मी समेत 40 लोग घायल हो गए थे.

हाईकोर्ट ने यथास्थित बनाने के दिए थे निर्देश: पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में राधास्वामी सत्संग सभा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. राधास्वामी सत्संग सभा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिस पर हाईकोर्ट ने पहले दो दिन और फिर बाद में आठ दिन का स्थगन आदेश देकर प्रशासनिक कार्रवाई पर रोक लगाई थी. राधास्वामी सत्संग सभा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में किसी भी सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं करने की जानकारी दी है. इसके साथ ही सत्संग सभा की ओर से 23 और 24 सितंबर को दयालबाग में हुए घटनाक्रम के फोटो भी लगाए गए हैं.

225 पेजों की है याचिका: राधास्वामी सत्संग सभा की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका 225 पेजों की है. जिसमें 14 सितंबर 1935 को वादी और सचिव गवर्मेंट ऑफ प्रोवेंसिस के बीच हुए एग्रीमेंट सन 1943 में हुई पांच लीज डीड, 28 जुलाई 1992 को हुए आदेश, 31 मार्च 2012 को हुए आदेशों की कापी भी लगाई गई है. इसके साथ ही 19 सितंबर 2023 को तहसीलदार सदर की ओर से दिए गए नोटिस की कॉपी और उसमें दिए गए जवाब की कॉपी के अलावा संबंधित भूखंडों के राजस्व रिकार्ड को भी याचिका में शामिल किया गया है. याचिका में राजस्व टीम की ओर से ध्वस्त किए निर्माण, घटना, घायल सत्संगियों के चित्रों की प्रति भी लगाई है.

प्रशासन ने बताया कब्जा, सत्संग सभा ने खुद की जमीन: जिला प्रशासन की ओर से दयालबाग के मौजा खासपुर और जगनपुर में सार्वजनिक रास्तों, खेल के मैदान, शमशान घाट सहित अन्य पर राधा स्वामी सत्संग सभा का कब्जा बताया जा रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन ने नोटिस दिया था. लेकिन, राधा स्वामी सत्संग सभा की ओर से इस विवादित जमीन को खुद की जमीन बताया जा रहा है. इसके साथ ही पोइया घाट स्थित यमुना नदी के डूबे क्षेत्र पर राधा स्वामी सत्संग सभा ने 100 मीटर में इंटरलॉकिंग सड़क बनाई थी.

ग्रामीणों की शिकायतें भी शामिल: दयालबाग प्रकरण में प्रशासन ने कई अहम दस्तावेज जुटाएं हैं. जिन्हें लेकर तहसीलदार समेत अन्य कर्मचारी प्रयागराज पहुंच गए हैं. प्रशासन ने अपने पक्ष में ग्रामीणों की शिकायतों को भी शामिल किया है. लिखित शिकायतों का लेखा जोखा लेकर भी प्रशासनिक टीम प्रयागराज गई है. इस मामले में पुलिस की ओर से एक एसआई को भेजा गया है. जिससे सुनवाई के दौरान घटनाक्रम भी पुलिस को सही पता हो.

चकबंदी बनाई आधार: हाईकोर्ट में सदर तहसील प्रशासन ने राधास्वामी सत्संग सभा के अवैध कब्जों के विरुद्ध सन् 1965 में हुई चकबंदी को आधार बनाया है. राजस्व रिकाॅर्ड में भूमि को सरकारी बताया है. जबकि, राधास्वामी सत्संग सभा भूमि को निजी बता रही है. 24 सितंबर को कब्जा हटाने के दौरान दयालबाग में बवाल हुआ था. आम रास्ते पर गेट लगाने और कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम पर राधा स्वामी सत्संग सभा से जुडे़ लोगों ने हमला किया था. इस दौरान पथराव और मारपीट भी हुई थी. जिसमें पुलिसकर्मी, पत्रकार और सत्संगी भी चोटिल हो गए थे. इस पर राधा स्वामी सत्संग सभा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस और प्रशासन के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसे स्वीकार करके हाईकोर्ट ने पुलिस और प्रशासन को यथास्थित बनाए रखने और पांच अक्टूबर यानी गुरुवार की सुनवाई की तिथि दी थी. पांच अक्टूबर की सुनवाई में 10 अक्टूबर की सुनवाई की तारीख दी गई थी.

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