उत्तर प्रदेशलखनऊ

श्रीराम राज्याभिषेक लीला के संग ऑनलाइन ’रामोत्सव-2021’ का हुआ समापन

लखनऊ। पहला तिलक वशिष्ठ मुनि कीन्हा….. अयोध्या के राजगुरू वशिष्ठ मुनि ने श्रीराम का राज्यतिलक कर उन्हें अयोध्या के सिंहासन पर विराजित किया। श्रीराम के राजसिंहासन पर विराजते ही अयोध्यावासियों में खुशी की लहर छा गई। लखनऊ की प्राचीनतम ऐशबाग की रामलीला के अंतिम दिन शनिवार को श्रीराम राज्याभिषेक लीला का आयोजन हुआ। इसके साथ ही सात अक्टूबर से चल श्रीरामलीला ने शनिवार को विश्राम लिया। यहां लीला का आयोजन श्रीरामलीला समिति,ऐशबाग की ओर से कोविड-कोविड -19 प्रोटोकॉल के तहत हुआ। उधर, डालीगंज की मौसमगंज की रामलीला में भी राज्याभिषेक हुआ और कलाकारों को पुरस्कृत किया गया।

राज्याभिेषेक प्रसंग में दिखाय गया कि जब राम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या में पहुंचते हैं तो प्रभु को देखकर अयोध्यावासी हर्षित हो झूम उठते हैं। उसी समय कृपालु श्रीराम जी असंख्य रूपों में प्रकट हो सबसे यथायोग्य मिलते हैं। श्री रघुवीर ने कृपा भरी दृष्टि ने नर -नारियों को शोक से रहित कर दिया। यह रहस्य किसी ने नही जाना। अवधपुरी को नवरूपों में सजाया गया। पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया।

मुनि वशिष्ठजी ने दिव्य सिंहासन मंगवाया। उसके बाद ब्राह्मणों को सिर नवाकर श्रीरामचंद्रजी उस पर विराजमान हो गए। ब्राह्मणों ने वेदमंत्रों का उच्चारण किया। वशिष्ठ मुनि ने श्रीराम को पहला तिलक गया। इसके बाद सभी ने एक-एक करके तिलक गया। आकाश में देवता और मुनि जय जयकार करने लगे। आकाश में नगाड़े बजने लगे। गंधर्व और किन्नर गीत गाने लगे। अप्सराओं के समूहों ने नृत्य किया। देवता और मुनि परमानंद में मग्न हो गए। भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, विभीषण, अंगद, हनुमान और सुग्रीव आदि क्रमशः छत्र, चंवर, पंखा, धनुष, तलवार, ढाल और शक्ति लिए हुए सुशोभित हो रहे थे। सब देवता स्तुति करके अपने-अपने लोक को चले गए। इस प्रकार भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ।

भगवान श्रीरामचन्द्र की जय, सीता माता की जय के जयकारे के साथ रामोत्सव-2021 का समापन हो गया। इस अवसर पर श्री राम लीला समिति, ऐशबाग के अध्यक्ष हरीशचन्द्र अग्रवाल, श्री राम लीला समिति ऐशबाग के सचिव पं. आदित्य द्विवेदी ने रामलीला के कलाकारों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया। मौसमगंज रामलीला में श्रीरामलीला एवं नाट्य समिति के अध्यक्ष घनश्याम अग्रवाल ने श्रीराम का तिलक गया। राज्याभिषेक में समिति के अन्य सदस्यों ने भी श्रीराम का तिलक गया।

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