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अपना सुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है: प्रज्ञा पुराण

अमेठी। पावन प्रज्ञा पुराण के तीसरे दिन आचार्य कैलाश नाथ तिवारी जी ने बताया कि देश की आज़ादी में किस तरह गायत्री मंत्र जन-जन की आवाज़ बन गया। गांधी जी ने गायत्री मंत्र में प्रयुक्त धियो योन: प्रचोदयात का हिंदी अनुवाद करते हुए सबको सन्मति दे भगवान को हिंदुस्तान के घर-घर मे पहुँचा दिया। गायत्री मंत्र सद्बुद्धि का मंत्र, सन्मार्ग पर चलाने वाला मंत्र है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज पर भी गायत्री मंत्र का प्रभाव है, जिस प्रकार गायत्री मंत्र में 3 पद एवं 24 अक्षर हैं, उसी तरह हमारे राष्ट्र ध्वज में भी 3 पट्टियां व चक्र में 24 तीलियाँ हैं।

गायत्री मंत्र का जप भगवान राम ने भी किया और भगवान शिव ने भी किया। यह मंत्र खुद को बेहतर बनाने का रास्ता है। पूज्य गुरुदेव ने कहा कि अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है। इसीलिए उन्होंने नारा दिया हम सुधरेंगे, युग सुधरेगा । स्वयं को सुधारकर दूसरों को सुधारने की प्रेरणा देने की संकल्पना से ही युग निर्माण योजना का जन्म हुआ। आज पूरी दुनिया में करोड़ो लोग अखिल विश्व गायत्री परिवार के कार्यकर्ता हैं और पूज्य गुरुदेव के मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब आप दुनिया में कुछ अच्छा करने के उद्देश्य से कर्म करोगे तो दुनिया बदले या न बदले आप बदल जाएंगे। दूसरों के रास्तों के कांटों को साफ करेंगे तो आपके रास्ते के कांटे खुद ब खुद दूर हो जाएंगे।

उन्होंने सबरी की कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि सबरी रोज अपनी कुटिया तक आने वाले मार्ग की साफ-सफाई इस आस्था और विश्वास से करती थी कि एक दिन भगवान उसके घर आएंगे। सबरी की तपस्या से मजबूर होकर भगवान को उसके घर आना पड़ा। सबरी ने भगवान की निर्मल मन से सदैव आराधना की। भगवान हमारे आपके घर भी आएंगे लेकिन हमें पहले अपने आप को मन से निर्मल और स्वच्छ रखना होगा। उन्होंने कहा कि हनुमान जी के चरित्र से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। हनुमान जी का बल, धैर्य, सेवा, साधना सब कुछ अद्भुत है। आपत्ति में कभी भी धैर्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए बल्कि आपत्ति में ही धैर्य की असली परीक्षा होती है। संयम और सेवा के बिना कोई भी साधना सफल नहीं होती ।

इससे पूर्व प्रातःकाल मे लगातार तीसरे दिन 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ सम्पन हुआ। 19 दिसंबर को सुबह गायत्री महायज्ञ की पर्णाहूति होगी तथा शाम को 4 -9 बजे तक प्रज्ञा पुराण कथा की पूर्णाहुति एवं भव्य गायत्री महा दीपयज्ञ कब आयोजन है।

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