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छठ पूजा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने दिया उगते सूर्य को अर्घ्य, महापर्व का समापन

सूर्योदय के साथ छठ महापर्व का प्रात:कालीन अर्घ्‍य देश के कई हिस्सों में शुरू हो चुका है. बिहार में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पटना के पाटीपुल घाट पर गंगा किनारे छठ की पूजा कर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. तो वहीं कुछ श्रद्धालु पटना कॉलेज घाट में सूर्यदेव की पूजा की. दिल्ली में श्रद्धालुओं ने छठ के आखिरी दिन शास्त्री पार्क में आर्टिफिशियल घाट बनाकर उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दिया. महाराष्ट्र में छठ के मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने चार दिवसीय छठ पूजा में हिस्सा लिया. मुंबई के कुर्ला इलाके में तालाब में उतरकर व्रती ने उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देकर इस पूजा का समापन किया.

इससे पहले व्रतियों ने बुधवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया. गंगा और अन्‍य नदियों के किनारे तथा तालाबों व अन्‍य जलाशयों पर आस्‍था का जन-सैलाब उमड़ रहा है. चार दिवसीय छठ पूजा का आज चौथा और आखिरी दिन है. कठिन व्रतो में से एक छठ का व्रत 36 घंटे तक निर्जला रखा जाता है. खरना के दिन शाम को गुड़ वाली खीर खाते हैं और फिर 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखा जाता है. खरना के दिन ही छठ पूजा की सारी तैयारी कर ली जाती है.

सूर्य को अर्घ्य देने के बाद लोगों में प्रसाद का वितरण किया जाता है. उसके बाद ही व्रत का पारण किया जाता है. छठ व्रत और छठ पूजा आदि करने से छठ मैय्या की आशीष मिलती है और निरोगी जीवन की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य किस समय दिया जाएगा.

सुबह से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ना शुरू

छठ पर्व के आखिरी दिन सुबह से ही नदी के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई थी. इस दिन व्रती और उनके परिवार के लोग नदी के किनारे बैठकर जमकर गाना-बजाना करते हैं और उगते सूरज का इंतजार करते हैं. सूर्य जब उगता है तब उसे अर्घ्य अर्पित किया जाता है, इसके बाद व्रती एक दूसरे को प्रसाद देकर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं. आशीर्वाद लेने के बाद व्रती अपने घर आकर अदरक और पानी से अपना 36 घंटे का कठोर व्रत को खोलते हैं. व्रत खोलने के बाद स्वादिष्ट पकवान आदि खाए जाते हैं और इस तरह पावन व्रत का समापन होता है.

उषा अर्घ्य का समय

छठ पूजा का चौथा दिन 11 नवंबर 2021, दिन गुरुवार है. इस दिन (उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय सुबह 06:41 बजे है. उषा अर्घ्य अर्थात इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. यह अर्घ्य सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है. मान्यता है कि विधि विधान से पूजा करने और अर्घ्य देने से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती हैं.

इस तरह दें अर्घ्‍य

  1. छठ के अंतिम दिन सूर्योदय से पूर्व शुद्ध होकर स्नान कर लें.
  2. इसके बाद उदित होते सूर्य के समक्ष जल में खड़े हो जाएं.
  3. खड़े होकर तांबे के पात्र में पवित्र जल भर लें.
  4. उसी जल में मिश्री भी मिलाएं.
  5. तांबे के लौटे में लाल फूल, कुमकुम, हल्दी आदि डालकर सूर्य को यह जल अर्पित करते हैं.
  6. दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़ कर इस तरह जल चढ़ाएं कि सूर्य जल चढ़ाती धार से दिखाई दें.
  7. फिर दीप और धूप से सूर्य की पूजा करें और आशीर्वाद मांगे.

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