उत्तर प्रदेशगोरखपुर

ठंड शुरू होते ही UP में एक्टिव हो जाते हैं ये बेरहम गिरोह, पुलिस को रात में 7 घंटों के लिए मिला ये स्‍पेशल टास्‍क

गोरखपुर सर्दियों का मौसम आते ही बावरिया और कच्छा-बनियान गिरोह को लेकर अब पुलिस अलर्ट हो गई है। पुलिसवालों को रात 10 बजे से भोर में पांच बजे (7 घंटे) तक विशेष चौकसी बरतने का निर्देश मिला है। थानेदारों से कहा गया है कि हाईवे से सटे गांव के आसपास गश्त बढ़ाएa। क्षेत्र में चलने वाले सभी ढाबा रात में रोजाना चेकिंग कराएa। संदिग्ध लोगों को थाने लाकर पूछताछ करें।

दीपावली करीब आते ही बावरिया और कच्छा-बनियान गिरोह सहित अन्य कई गिरोह लूटपाट के लिए सक्रिय हो जाते हैं। इनमें बावरिया गैंग अमावस्या से अपनी लूटपाट शुरू करते हैं। उनके इरादे काफी खतरनाक होते हैं। लूटपाट के दौरान लोगों पर हमला करके खून बहाने भी गुरेज नहीं करते। हाईवे से सटे गांव, खाली स्थानों में बने मकान पर गैंग के लोग वारदात करते है। गैंग के सदस्य रेलवे स्टेशन, शहर के बाहरी इलाकों के साथ ही आसानी से भाग निकलने वाले स्थानों पर अपना ठिकाना बनाते हैं। गैंग पूरे परिवार के साथ चलता है। एक साथ होने से वे कोई भी छोटा-मोटा व्‍यापार करने लगते हैं। दिन में व्यापार करते हैं। आधी रात के बाद लूटपाट के लिए निकलते है।

चार लोगों की हत्या कर डाली थी डकैती

गोरखपुर में बावरिया गैंग के खूनी किस्से में सबसे दर्दनाक घटना कई साल पुरानी है। 2002 में छोटी दीपावली की रात गोरखनाथ के वृंदावन कॉलोनी में बावरिया गैंग ने पवन दुआ के मकान में हमला किया था। गैंग ने परिवार के चार सदस्यों की नृशंस हत्या के बाद लाखों रुपये की लूट-पाट की थी। घटना ने गोरखपुर पुलिस को हिला दिया था। पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था। लेकिन आज तक केस का वर्कआउट नहीं हो सका है।

क्या होते हैं बावरिया

बावरिया एक घुमंतू जनजाति है। आबादी से दूर सड़क के किनारे डेरा डालकर रहने वाली यह जाति स्वभाव से ही क्रूर होती है। यही कारण है कि इनका गिरोह लूट की वारदात को जहां भी अंजाम देता है। हत्या या मारपीट जरूर करता है।

ऐसे करते हैं वारदात

ये लोग एक साथ पांच से दस के गिरोह बनाकर डकैती डालने निकलते हैं। भीख मांगने के बहाने ये अपना शिकार तलाश करते हैं। पहले यह गिरोह ट्रेनों व बसों में सफर करता था, लेकिन अब कुछ गिरोह के सदस्यों ने अपनी गाडि़यां भी खरीद ली हैं। गिरोह के सदस्य वारदात से पहले शरीर पर तेल मलते हैं ताकि पकड़े जाने पर फिसलन के कारण आसानी से छूट जाएं। शिकार के घर धावा बोलते ही लूटपाट से पहले यह गिरोह हत्या और मारपीट का दौर शुरू कर देता है। विशेषकर सिर और नाक को निशाना बनाते हैं।

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