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निराश्रित गोवंश कार्यक्रम में 51,772 गोपालकों को सुपुर्द किए गए 94,626 गोवंश

  • 16 नगर निगमों में गोशालाओं को मिले 17.52 करोड़ रुपये
  • 52.97 करोड़ गोवंश का किया गया टीकाकरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गोवंश संरक्षण के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकारी प्रवक्ता का दावा है कि साढ़े चार साल में गायों के लिए सरकार अच्छे दिन लेकर आयी। अवैध रूप से गोवंश काटने पर प्रतिबंध लगाया। साथ में गोवंशों की सुरक्षा के लिए पुलिस भी तत्पर हुई। गोवंश की तस्करी पर लगी रोक भी बड़ी सफलता साबित हुई। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में दो-दो वृहद गोवंश संरक्षण केन्द्रों की स्थापना की है। 278 केन्द्रों के लिए 303,60 करोड़ रुपये स्वीकृत किये है, जबकि आज तक मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता कार्यक्रम में 51,772 गोपालकों को 94,626 गोवंश सुपुर्द किये हैं। गोवंशों के लिए सहभागिता योजना के तहत किसान परिवार गोवंश रखते हैं तो (अधिकतम चार गोवंश) सरकार उसे 900 रुपये दे रही है। हर माह भौतिक सत्यापन का कार्य होता है। सरकार की इस योजना का लाभ बड़ी संख्या में किसानों ने उठाया है।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गायों के संरक्षण पर प्राथमिकता से काम शुरू किया। उन्होंने गोवंश के संवर्द्धन के लिये पशुपालन और दुग्ध विकास के अलावा अन्य विभागों का भी सहयोग लिया। अवैध बूचड़खानों पर सबसे पहले कार्रवाई शुरू की। बूचड़खानों पर कार्रवाई के अलावा गायों की सुरक्षा और संरक्षा पर भी सरकार का खास जोर रहा। 4503 अस्थाई गो आश्रय स्थल बनवाए, 177 कान्हा गोशाला, 408 कांजी हाउस व 189 वृहद गोवंश संरक्षण केंद्रों में गोवंश संरक्षित किये गये। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में पिछड़े रहे बुंदेलखंड के सात जनपदों में 35 पशु आश्रय गृहों का निर्माण कर वहां गोवंश को संरक्षित करने का भी बड़ा काम योगी सरकार ने किया। शहरी क्षेत्रों में सरकार ने 16 नगर निगमों गोशालाओं को 17.52 करोड़ रुपये दिए हैं। वहीं अब तक 52 करोड़ 97 लाख 82 हजार गायों का बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण कराया है।

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