उत्तर प्रदेशकानपुर

पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, नहीं है एसआईटी पर भरोसा

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत के मामले में अब उनकी पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की है. मीनाक्षी को राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी पर भरोसा नहीं हैं. वहीं मीनाक्षी की ओर से निर्भया का केस लड़ने वाली एडवोकेट सीमा समृद्धि ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल है. मीनाक्षी गुप्ता ने रिट में कहा है कि उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है. क्योंकि यूपी पुलिस ने हत्या के मामले को हादसा बताया था.

असल में पिछले महीने कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में पुलिस ने पीट पीट कर हत्या कर दी थी. जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा और राज्य सरकार को इसके लिए एसआईटी का गठन करना पड़ा. वहीं राज्य सरकार ने दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था. हालांकि सभी दोषी पुलिसकर्मी अब सलाखों के पीछे हैं. लेकिन मीनाक्षी गुप्ता को पुलिस पर भरोसा नहीं है. लिहाजा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच के लिए रिट फाइल की है. फिलहा राज्य सरकार ने मीनाक्षी गुप्ता को कानपुर विकास प्राधिकरण में ओएसडी के पद पर तैनात किया है.

सुप्रीम कोर्ट से की सीबीआई जांच की मांग

जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट सीमा समृद्धि ने फेसबुक पर वीडियो चैट के जरिए मीनाक्षी गुप्ता से बात कर इस मामले की सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर करने करने को कहा था. जिसके बाद बुधवार को अधिवक्ता ने सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. ताकि सीबीआई इस मामले की जांच करे. अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि यूपी की पुलिस ने डीलर मनीष गुप्ता की हत्या को हादसा बताया था और उन्हें राज्य की पुलिस और एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है. क्योंकि इस मामले में घटना के 48 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई थी.

जानें क्या है मामला

गोरखपुर पुलिस ने गोरखपुर में अपने होटल के कमरे में कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता के साथ मारपीट की थी और जिसमें उनकी मौत हो गई थी. पहले पुलिस इस मामले को हादसा बताती रही. लेकिन बाद में दबाव में पुलिस ने इस मामले में हत्या की रिपोर्ट दर्ज की. हालांकि मामला सुर्खियों में आने के बाद सभी आऱोपी पुलिसकर्मी फरार हो गए थे. लेकिन अभी सभी पुलिस की गिरफ्त में हैं. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में एसआईटी का गठन किया गया था.

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